Captain Cool Trademark: भारतीय क्रिकेट के सबसे शांत और चतुर कप्तानों में से एक माने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी को दुनियाभर में ‘कैप्टन कूल’ के नाम से जाना जाता है। मैदान पर उनके फैसले जितने सख्त होते थे, उनका दिमाग भी उतना ही ठंडा रहता था। अब धोनी ने इतना बड़ा कदम उठाया है कि यह उपनाम हमेशा के लिए उनके साथ जुड़ जाएगा। अब कोई भी दूसरा कप्तान खुद को ‘कैप्टन कूल’ नहीं कह पाएगा।
ट्रेडमार्क के लिए किया आवेदन
बता दें महेंद्र सिंह धोनी ने ‘कैप्टन कूल’ नाम को लेकर बड़ा कदम उठाते हुए इसे अपने नाम से रजिस्टर कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने 5 जून को ट्रेडमार्क रजिस्ट्री पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन जमा किया है। धोनी इस उपनाम का उपयोग खेल प्रशिक्षण, कोचिंग सेवाओं और प्रशिक्षण केंद्रों से जुड़े कार्यों के लिए करना चाहते हैं। अगर यह ट्रेडमार्क रजिस्टर हो जाता है तो भविष्य में ‘कैप्टन कूल’ का इस्तेमाल केवल धोनी ही कर सकेंगे।
‘कैप्टन कूल’ ट्रेडमार्क को लेकर शुरू में आई दिक्कत
धोनी के ‘कैप्टन कूल’ ट्रेडमार्क आवेदन को शुरू में ट्रेड मार्क्स अधिनियम की धारा 11(1) के तहत आपत्ति का सामना करना पड़ा। दरअसल, यह नाम पहले से ही एक अन्य ट्रेडमार्क के रूप में रजिस्टर्ड था, जिससे लोगों के भ्रमित होने की आशंका जताई गई। वहीं धोनी के वकीलों ने तर्क दिया कि यह नाम वर्षों से मीडिया और फैंस के बीच महेंद्र सिंह धोनी की पहचान बन चुका है। इस दलील को मानते हुए संबंधित प्राधिकरण ने धोनी के पक्ष में फैसला सुनाया और उन्हें ‘कैप्टन कूल’ नाम पर विशेष अधिकार मिलने का रास्ता साफ हो गया।
महेंद्र सिंह धोनी ने ‘कैप्टन कूल’ नाम को अपने अधिकार में लेने के लिए 5 जून को ट्रेडमार्क रजिस्ट्री पोर्टल पर आवेदन दाखिल किया था। वह इस उपनाम का उपयोग खास तौर पर खेल प्रशिक्षण, कोचिंग सेवाओं और प्रशिक्षण केंद्रों के लिए करना चाहते हैं। उनके इस आवेदन को शुरुआत में ट्रेड मार्क्स अधिनियम की धारा 11(1) के तहत आपत्ति का सामना करना पड़ा, क्योंकि यह नाम पहले से ही एक अन्य ट्रेडमार्क के रूप में रजिस्टर्ड था। धोनी के वकीलों ने यह तर्क दिया कि ‘कैप्टन कूल’ नाम वर्षों से महेंद्र सिंह धोनी की पहचान बन चुका है और फैंस व मीडिया के बीच यह उपनाम सिर्फ उन्हीं से जुड़ चुका है।