Sourav Ganguly Accident : सौरव गांगुली की कार हुई हादसे का शिकार, लॉरी ने मारी टक्कर…जानें कैसे हैं दादा

Sourav Ganguly Accident : सौरव गांगुली की कार हुई हादसे का शिकार, लॉरी ने मारी टक्कर…जानें कैसे हैं दादा

Saurav Ganguly Accident News: 20 फरवरी को पूर्व भारतीय क्रिकेटर सौरव गांगुली एक हादसे का शिकार हो गए। वह बर्दवान जा रहे थे, जहां उन्हें एक कार्यक्रम में शिरकत करनी थी, लेकिन दुर्गापुर एक्सप्रेसवे पर अचानक एक ट्रक उनकी कार के सामने आ गया। ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाए, जिससे पीछे आ रही गाड़ियां टकरा गईं। इस हादसे में सौरव गांगुली और उनके काफिले के किसी भी सदस्य को चोट नहीं आई। हालांकि, उनका काफिला कुछ समय तक रुकना पड़ा। दुर्घटना के बाद, गांगुली ने कार्यक्रम में शिरकत की और अपनी यात्रा जारी रखी।

किस तरह हुआ हादसा
सौरव गांगुली और उनका काफिला बर्दवान विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करने जा रहे थे। दुर्गापुर एक्सप्रेसवे पर दंतनपुर के पास अचानक एक ट्रक सामने आ गया, जिसके कारण ड्राइवर को तुरंत ब्रेक लगानी पड़ी। पीछे आ रही गाड़ियों ने भी अपनी गति कम करने की कोशिश की, लेकिन तेज गति से आ रही एक कार ने सौरव गांगुली की कार को टक्कर मार दी। गांगुली और उनके काफिले के अन्य सदस्य किसी प्रकार से सुरक्षित रहे, लेकिन उन्हें करीब 10 मिनट तक सड़क पर रुकना पड़ा। दुर्घटना के कारण काफिले की दो गाड़ियां थोड़ी क्षतिग्रस्त हो गईं थीं।

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सौरव गांगुली की सख्त नेतृत्व क्षमता
इस घटना के बाद, सौरव गांगुली ने घटनास्थल पर कुछ समय तक रुकने के बाद अपने निर्धारित कार्यक्रम को जारी रखा। उनका उत्साह और पेशेवर दृष्टिकोण इस हादसे के बावजूद प्रभावित नहीं हुआ। गांगुली की गिनती भारत के सबसे आक्रामक कप्तानों में की जाती है। उनके नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम ने कई ऐतिहासिक जीत दर्ज की हैं। गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 2002 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था और 2003 के वर्ल्ड कप फाइनल तक पहुंची थी।

गांगुली की क्रिकेट यात्रा
सौरव गांगुली का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अहम योगदान रहा है। वनडे क्रिकेट में उनके नाम 11,363 रन और 22 शतक हैं। टेस्ट क्रिकेट में भी उनका योगदान अहम रहा है, जिसमें 7,000 से अधिक रन शामिल हैं। गांगुली ने भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की साख को ऊंचा किया। वह बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रहे हैं और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।


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