नई दिल्लीः Dry Day in Delhi दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार का शोर सोमवार शाम पांच बजे थम गया। दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों पर पांच फरवरी यानी बुधवार को मतदान होगा और चुनाव नतीजे आठ फरवरी को आएंगे। इस बीच चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा को भी निर्देश दिया है कि दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजधानी की सीमा से सटे इलाकों में शराब की दुकानें बंद की जाएं। यह पाबंदी पांच फरवरी की शाम छह बजे तक लागू रहेगी।
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Dry Day in Delhi दिल्ली विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर 699 प्रत्याशी मैदान में हैं। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यत: तीन प्रमुख दलों- सत्तारूढ़ आप, भाजपा और कांग्रेस ने एक दूसरे के खिलाफ तीखे हमले किए। तीनों पार्टियों के बीच दिल्ली के मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक-लुभावन चुनावी वादे की होड़ देखी गई। इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव को सत्तारूढ़ आप के शासन मॉडल और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर जनमत संग्रह के तौर पर देखा जा रहा है। आप जहां लगातार तीसरी बार अपना गढ़ बचाने की कोशिश कर रही है, भाजपा 26 साल का वनवास समाप्त कर सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है। कांग्रेस भी 12 साल बाद दिल्ली की सत्ता की बागडोर अपने हाथों में लेने के लिए दमखम लगा रही है।
भाजपा ने इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में केजरीवाल के मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके सरकारी आवास पर हुए खर्चे को लेकर आप पर हमला किया। साथ ही यमुना की सफाई, शराब घोटाले को प्रमुख मुद्दा बनाया और आप पर पाठशाला की जगह मधुशाला खोलने का आरोप लगाया। भाजपा ने आप को सत्ता से बेदखल करने के लिए अपने 40 स्टार प्रचारकों की फौज उतारी थी। इसकी कमान प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल रखी थीं। मोदी ने तीन चुनावी रैलियों को संबोधित किया और लोगों से आप-दा को हटाने और भाजपा को शासन में लाने की अपील की।
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन भाजपा की ओर से 22 और आप की ओर से 9 रैलियां और रोड शो आयोजित किए गए। आप के लिए केजरीवाल और संजय सिंह सहित तमाम नेताओं ने वोट मांगा।इस बार कांग्रेस ने शीला दीक्षित के शासन काल में यहां हुए विकास के कार्यों को हवाल देकर लोगों से वोट देने की अपील। पार्टी ने सड़क, पानी, बिजली और शिक्षा की बदहाली को प्रमुखता से उठाया और लोगों को बेरोजगारी और महंगाई से मुक्ति दिलाने का वादा किया।