नई दिल्लीः इजरायल और ईरान के बीच जारी युद्ध से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध का असर अब दुनिया के कई देशों में देखने को मिल रहा है। इजरायल और ईरान के बीच अगर युद्ध लंबा खिंचा तो तेल की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। कई देशों में तो इसका असर भी देखने को मिल रहा है। ईरान के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में ईंधन की किल्लत चरम पर है। कच्चे तेल की आपूर्ति नहीं होने के कारण बलूचिस्तान प्रांत में 70 फीसदी पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं। अगर युद्ध नहीं थमा तो पूरे पाकिस्तान के पेट्रोल पंप बंद हो सकते हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईंधन संकट ने गंभीर रूप ले लिया है. वहज है कि बॉर्डर के रास्ते ईरान से जो तेल की सप्लाई होती थी, वह बुरी तरह प्रभावित हुई है, जिससे बड़ी संख्या में पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो मकरान, रक्शान और चगाई क्षेत्रों के माध्यम से ईरानी तस्करी के तेल की आपूर्ति निलंबित हो गई है। लिहाजा पाकिस्तान में अब ईधन की किल्लत हो गई है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान के सीमावर्ती जिले जैसे तुरबत, ग्वादर, पंजगुर, चगाई और वाशुक-सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ये इलाके पारंपरिक रूप से ईरान से होने वाली ईंधन और खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर निर्भर हैं।
पाकिस्तान में बढ़ाई गई पेट्रोल और डीजल के रेट
पाकिस्तान की केंद्रीय सरकार ने पेट्रोल की दरें 4.80 रुपये और डीजल की दरें 7.95 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी), जिसकी कीमत पहले 254.64 रुपये प्रति लीटर थी, अब 262.59 रुपये में बेचा जाएगा। इसी तरह, पेट्रोल, जिसकी कीमत 253.63 रुपये प्रति लीटर थी, अब 258.43 रुपये में मिलेगा। वहीं अगर युद्ध जारी रहा तो भारत में कई रोजमर्रा के सामान और औद्योगिक उत्पाद महंगे हो सकते हैं, खासकर वो जो ईरान और इजरायल से आयात होते हैं। उदाहरण के लिए देखें तो इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट, उर्वरक, इंडस्ट्रियल सॉल्ट्स, केमिकल और प्लास्टिक, फल, मेवे और खाद्य तेल, लोहा, स्टील और मशीनरी महंगे हो सकते हैं।