भारत ने बुधवार की रात डेढ़ बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। ये ठिकाने बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद में हैं। ये वे ठिकाने हैं, जहां से भारत पर आतंकी हमलों की साजिश रची जा रही थी और उन्हें अंजाम दिया जा रहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक हमले में 3 लोगों की मौत हुई है और 12 लोग घायल हुए हैं। इंडियन आर्मी ने कहा कि पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।
सिंदूर मिटाने पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’
पहलगाम के आतंकियों ने जब बैसरन में हमला किया तो वहां उन्होंने किसी भी महिला की जान नहीं ली। दरअसल, इस ऑपरेशन के नाम के पीछे भी एक कारण छिपा है। जब आतंकी हमारी महिलाओं का सिंदूर छीनने की साजिश करें, तो जवाब उसी प्रतीक से दिया जाए। यह संदेश स्पष्ट है। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए न सिर्फ आतंकियों को सबक सिखाया है, बल्कि यह भी जता दिया है कि अब किसी भी महिला के सिंदूर पर हाथ डालना सीधा युद्ध के बराबर माना जाएगा।
कानून के दायरे में रही कार्रवाई
भारत की यह कार्रवाई पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानून के दायरे में रही। कोई असैन्य ठिकाना या आम नागरिक इस कार्रवाई की चपेट में नहीं आया। भारतीय विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि यह ऑपरेशन केवल आतंकवाद के खिलाफ था, न कि पाकिस्तान की संप्रभुता पर हमला। हालांकि, इससे पाकिस्तान में घबराहट साफ देखी जा सकती है। कई आतंकी ठिकानों को खाली करा लिया गया है और सीमा पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने सिखाया सबक
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान को यह भी दिखा दिया है कि अब भारत पुरानी नीति पर नहीं चलेगा। 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है, जो सीधे पाकिस्तान की धरती पर जाकर की गई है। इसका एक बड़ा संदेश यह भी है कि भारत अब बात नहीं, केवल जवाबी कार्रवाई में विश्वास रखता है। पाकिस्तान को अब तय करना है। वह आतंक की पनाहगाह बना रहेगा या जिम्मेदार पड़ोसी की तरह व्यवहार करेगा।