Waqf Amendment Bill : वक्फ संशोधन बिल बुधवार आधी रात को लोकसभा में पारित हो गया। इस पर 12 घंटे तक चली बहस के बाद विपक्ष ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर संविधान के उल्लंघन में मुस्लिम धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। इस आरोप को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खारिज कर दिया और कहा कि विधेयक में सरकारी हस्तक्षेप का कोई प्रावधान नहीं है। आज (3 मार्च) यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को बिल पेश किया था। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों के बीच कभी तल्ख़ियां दिखी तो कभी हास-परिहास भरी तकरार हुई। चर्चा रात 8 बजे तक होनी थी लेकिन कई सदस्यों द्वारा अपनी बात न रख पाने के चलते चर्चा पूरी नहीं हो पा रही थी। इसलिए समय बढ़ाकर रात 10 बजे तक कर दिया गया। 10 बजे तक भी चर्चा पूरी नहीं हो सकी तो समय फिर बढ़ाया गया और रात 11:30 बजे तक चर्चा का निर्णय लिया गया। रात करीब 12 वोटिंग शुरू हुई और कुछ ही मिनट में नतीजा आया।
एनडीए गठबंधन के पास कुल 296 वोट थे। इसमें बीजेपी के 240, टीडीपी के 16, जदयू के 12, शिवसेना के 7, लोजपा के 5 और अन्य दलों के 16 वोट शामिल थे। वहीं इंडिया गठबंधन के पास कुल 235 वोट थे। इसमें कांग्रेस के 99, सपा के 37, टीएमसी के 28, डीएमके के 22, शिवसेना के 9 और अन्य दलों के 40 वोट शामिल थे। बिल के पक्ष में 296 में से 288 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 235 में से 232 वोट पड़े। इस तरह लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पास हो गया।
सरकार पर मुस्लिम समुदाय की मान्यताओं और प्रथाओं को निशाना बनाने का आरोप लगाने वाले विपक्षी दलों पर पलटवार करते हुए शाह ने कहा कि सरकार का समुदाय के मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा, “हम मुसलमानों को नहीं डरा रहे हैं, आप मुसलमानों को डरा रहे हैं। मैं यह कह रहा हूं कि इस देश के किसी भी नागरिक को, चाहे वह किसी भी धर्म का हो, नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।” उन्होंने विपक्ष पर वोट बैंक की राजनीति के लिए “गलतफहमी” और “अफवाहें” फैलाने का आरोप लगाया।