टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज मोहम्मद शमी इन दिनों मैदान के साथ-साथ सुर्खियों में भी बने हुए हैं, लेकिन वजह क्रिकेट नहीं, बल्कि उनके रोज़ा रखने को लेकर हो रही बयानबाज़ी है. चैंपियंस ट्रॉफी के एक मैच के दौरान शमी को पानी पीते देखा गया, जिस पर मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने कड़ी आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि रमज़ान के दौरान रोजा न रखना और पानी पीना शरीयत की नज़र में गुनाह है, जिसके लिए शमी को जवाब देना होगा.
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, “अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति रोज़ा नहीं रखता, तो वह बड़ा अपराधी है. शमी मैदान में खेल रहे थे, इसका मतलब है कि वह फिट थे. ऐसे में उन्हें रोज़ा रखना चाहिए था. उनकी यह हरकत गलत संदेश देती है.”
मैच के दौरान एनर्जी ड्रिंक पीने पर भड़के मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी
मोहम्मद शमी ने क्रिकेट के दौरान पानी पीकर, रोजा ना रखकर गुनाह किया है। शरीयत की नजर में वो अपराधी हैं, उन्हे जवाब देना होगा: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
— Shubham Shukla (@ShubhamShuklaMP) March 6, 2025
गजब चल रहा है। मतलब कोई पानी या एनर्जी ड्रिंक पी लिया तो गुनाह हो गया? pic.twitter.com/UqA5IZkkzY
‘रोजा रखना या न रखना निजी मामला’
हालांकि, इस बयान पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (AIIA) के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने कहा कि रोजा रखना या न रखना व्यक्ति का निजी मामला है और इसमें किसी को दखल नहीं देना चाहिए.
चैंपियंस ट्रॉफी में शमी का प्रदर्शन
चोट से वापसी करने वाले मोहम्मद शमी ने टूर्नामेंट में अब तक शानदार प्रदर्शन किया है. जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में उन्होंने नई गेंद संभाली और अभी तक 8 विकेट ले चुके हैं. इससे पहले, वर्ल्ड कप 2023 के दौरान उन्हें टखने में चोट लगी थी, जिसके कारण वह लंबे समय तक बाहर रहे थे.
खेल और धर्म को अलग रखना जरूरी
शमी के रोजे पर छिड़ी इस बहस ने खेल में धर्म को घसीटने के मुद्दे को फिर से खड़ा कर दिया है. खिलाड़ी का मुख्य मकसद अपने देश के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करना होता है. यह उसकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है कि वह क्या सही समझता है.