अगर घर का वास्तु ठीक हो तो रंक भी राजा बन सकता है। साथ ही सुखी जीवन जी सकता है। वहीं, अगर घर में कोई वास्तु दोष हो तो धन हानि तो होगी ही साथ ही उसके घर में क्लेश बना रहेगा। घर बनवाते समय बड़े-बुजुर्ग हमेशा वास्तु का अक्सर ख्याल रखते थे लेकिन अब के घरों में इनका ध्यान बेहद कम ही रखा जाता है। अगर आपके घर में इन दिनों क्लेश बना रह रहा है तो आप अपने घर के वास्तु के बारे में जरूर जान लें खासकर किचन से जुड़ी चीजों का। जैसे क्या आपका किचन दक्षिण दिशा में है क्या?
दक्षिण में किचन होना शुभ या अशुभ?
अगर आपका किचन दक्षिण दिशा में है तो यह आपके लिए अशुभ है, ऐसे में वास्तु शास्त्र के मुताबिक, कुछ उपाय करने से आपके घर का माहौल सही हो सकता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में किचन का होना अशुभ माना जा सकता है क्योंकि दक्षिण दिशा को यम की दिशा कहा गया है, जो मृत्यु और निगेटिव एनर्जी से जुड़ी है। साथ ही किचन में आग और पानी का तत्व होता है, जिस कारण दक्षिण दिशा में होने से घर में निगेटिव एनर्जी को बढ़ा देता है।
किचने के लिए सही दिशा कौन-सी?
आमतौर पर, वास्तु शास्त्र में किचन के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा को सही माना जाता है, क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी है और भोजन पकाने के लिए एकदम सही मानी गई है।
दक्षिण दिशा में है तो क्या करें?
वास्तु शास्त्र में बताए गए उपाय अनुसार अनुकूलित करना जरूरी है। जैसे किचन में अग्नि तत्व को संतुलित बनाने के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर गैस चूल्हा या स्टोव रखें। इसके अतिरिक्त किचन में हरे रंग का इस्तेमाल करें, जिसे प्रकृति और संतुलन का प्रतीक माना गया है। साथ ही अपने किचन को हमेशा साफ और स्वच्छ रखें, जिससे निगेटिव एनर्जी को कम किया जा सके।