UP Board Copy Checking: कॉपियों की चेकिंग में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, गड़बड़ी मिलने पर होगा एक्शन

UP Board Copy Checking: कॉपियों की चेकिंग में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, गड़बड़ी मिलने पर होगा एक्शन

प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का शुचितापूर्ण मूल्यांकन कराने की तैयारी की है।इस क्रम में सभी 261 मूल्यांकन केंद्रों पर मूल्यांकित की गई उत्तरपुस्तिकाओं में से कुछ को मंगाकर यूपी बोर्ड देखेगा कि कहीं कोई गड़बड़ी/त्रुटि तो नहीं है।

जरूरत पड़ने पर संबंधित उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन पुन: कराएगा और इसके लिए दोषी परीक्षक के विरुद्ध भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। बोर्ड सचिव ने यह निर्णय पूर्व में मूल्यांकन के दौरान परीक्षक के स्तर से हुई त्रुटियों को देखते हुए लिया है। पहले तो परीक्षक एक निश्चित संख्या से ज्यादा उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं कर सकेंगे, उसके बाद बोर्ड रेंडम कुछ उत्तरपुस्तिकाएं मंगाकर मूल्यांकन का स्तर देखेगा, ताकि त्रुटि रह जाने की संभावना न रहे।

पूर्व की परीक्षा के उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन में परीक्षक के साथ-साथ उप प्रधान परीक्षक (डीएचई) के स्तर से भी गड़बड़ियां सामने आई थीं। कम अंक मिलने पर कुछ परीक्षार्थियों ने आरटीआइ के माध्यम अपनी उत्तपुस्तिकाएं देखीं तो अंकों में गड़बड़ी सामने आई थी।

गड़बड़ी सिर्फ यह नहीं थी कि उन्हें प्रश्न के उत्तर के क्रम में कम अंक मिले हैं, बल्कि एक परीक्षार्थी को तो आगरा के परीक्षक ने पूर्णांक से भी ज्यादा अंक दे दिए थे और दूसरे को सही उत्तर होने पर उस उत्तर पर शून्य अंक दिए गए थे।

संभल के एक डीएचई ने एक परीक्षार्थी की उत्तरपुस्तिका पर 63 अंक अंकित कर दिए, लेकिन अवार्ड ब्लैंक पर केवल छह अंक चढ़ाए। इस तरह की त्रुटियों से हुई बोर्ड की किरकिरी के बाद बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने एक दिन में उत्तरपुस्तिका के मूल्यांकन करने की सीमा (हाईस्कल की 50 तथा इंटरमीडिएट की 45) निश्चित करने के साथ मूल्यांकित उत्तरपुस्तिकाओं के परीक्षण का भी निर्णय लिया है।

एक दिन में कितनी कॉपी जांच सकेंगे परीक्षक

हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 19 मार्च से आरंभ कराने के साथ यूपी बोर्ड ने गुणवत्तापूर्ण मूल्यांकन की भी तैयारी की है। एक परीक्षक एक दिन में हाईस्कूल की 50 तथा इंटरमीडिएट की अधिकतम 45 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कर सकेंगे।

इसके लिए प्रशिक्षकों को मूल्यांकन शुरू कराए जाने से पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि अंक देने एवं अंकों का योग करने में किसी तरह की गड़बड़ी न होने पाए। मूल्यांकन के लिए बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने प्रदेश भर में 261 केंद्र बनाए हैं। जल्दबाजी में कई बार परीक्षक अंकों का योग करने में गलती कर देते हैं, जिसके कारण मामले कोर्ट पहुंचे हैं।


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