रायपुर: केंद्र और राज्य की सरकार तेजी से नक्सलवाद के खात्मे की तरफ बढ़ रही है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देशभर से माओवाद के समाप्ति का डेडलाइन भी जारी कर दिया है। शाह का मानना है कि, 2026 के मार्च महीने तक पूरे भारत से नक्सलवाद को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया जाएगा। वही सरकार अपने इस संकल्प के साथ तेजी से आगे बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। 2024 और 2025 के शुरुआत में बड़ी संख्या नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया। इसके अलावा पुलिस और सुरक्षाबलों के दबाव में सैकड़ों की संख्या में नक्सलियों की गिरफ्तारियां भी हुई और उन्होंने सरेंडर भी किया।
आज भी सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में सबसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। माओवादियों का शीर्ष नेता नम्बाला केशव राव मुठभेड़ में मारा गया है। माओवादियों के महासचिव के ढेर होने पर सरकार गदगद है। प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और सूबे के सीएम ने ट्वीट करते हुए इस कामयाबी पर ख़ुशी जताई है, सुरक्षाबलों की प्रशंसा की है।
हालांकि पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव की राय अलग है। उन्होंने नक्सल विरोधी अभियान के कामयाबी का श्रेय साझे तौर पर पूर्ववर्ती सरकार को भी दिया है। मीडिया से हुई बातचीत में टीएस सिंहदेव ने कहा है कि, दुर्गम क्षेत्रों तक सुरक्षा बल के जवान पहुंच रहे हैं। माओवादियों के खिलाफ बलों की यह घेराबंदी वर्ष 2020 से शुरू हुई थी। आज गृहमंत्री इस पर तब बोल रहे है जब अंजाम तक पहुंच रहे है। गृहमंत्री वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार में नहीं बोलते थे।
टीएस सिंहदेव ने आगे कहा कि, फसल तो बो दी लेकिन बोने वाले का नाम नहीं लिया। फसल काटने वाले आए है अपना नाम ले रहे हैं।