देवास। इंदौर-बैतूल नेशनल हाईवे पर स्थित मोखापीपल्या क्षेत्र में रविवार को एक बड़ा हादसा हो गया। हादसों के लिहाज से डेंजर जोन माने जाने वाले इस इलाके में कालीसिंध नदी पर बने पुराने ब्रिटिशकालीन पुल पर खातेगांव की ओर से आ रही एक कार सामने से आ रहे ट्रक को देखकर अनियंत्रित हो गई और सीधा नदी में गिर गई। कार के दरवाजे लॉक हो जाने के कारण उसमें सवार लोग समय पर बाहर नहीं निकल सके, जिससे हादसे का दर्दनाक अंजाम सामने आया।
कांच तोड़कर बाहर निकाले गए लोग
हादसे के वक्त पुल के पास मौजूद ग्रामीणों ने स्थिति को भांप लिया और तुरंत नदी में कूद पड़े। कुछ ही देर में पुलिस भी मौके पर पहुँच गई। कार के शीशे तोड़कर चार लोगों को बाहर निकाला गया और उन्हें तुरंत बागली के सरकारी अस्पताल पहुँचाया गया। डॉक्टरों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया, जबकि दो अन्य को गंभीर हालत में प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रेफर कर दिया गया। ग्रामीणों की तत्परता के कारण समय रहते राहत कार्य संभव हो सका।
ओपी और आनंद की दर्दनाक मौत
हादसे को लेकर पुलिस से मिली जानकारी में बताया गया कि कार में उच्या तेवन निवासी चंडीगढ़ के चंडी, इंदौर निवासी आनंदराज, अमृतसर निवासी ओपी और जयपुर निवासी इलैयाराजा सवार थे। इस दर्दनाक हादसे में ओपी और आनंद की मौत हो गई। बागली एसडीओपी सृष्टि भार्गव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार सामने से आ रहे ट्रक से नहीं टकराई थी, बल्कि किसी कारणवश अनियंत्रित होकर सीधे नदी में जा गिरी थी। हादसे की जांच जारी है।
ब्रिटिशकालीन संकरा पुल बना हादसों का कारण
ग्रामीणों के मुताबिक मोखापीपल्या में कालीसिंध नदी पर बना यह पुल ब्रिटिश काल का है। अब तक इसकी मरम्मत या चौड़ीकरण नहीं किया गया है। पुल काफी संकरा है, जिससे बड़े वाहनों के गुजरने के दौरान संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है। हादसे यहां आम बात हो चुकी है। खासकर बारिश के मौसम में तो स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। कई बार वाहन फिसलकर नदी में गिर चुके हैं। इतना ही नहीं जब भी कोई वाहन पुल पर खराब होता है तो दोनों ओर कई किलोमीटर तक लंबा जाम लग जाता है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।