Durg Juvenile Home Escape Case : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रविवार देर रात बाल संप्रेषण गृह से तीन नाबालिगों के भागने का मामला सामने आया है। घटना के बाद पुलिस और बाल संप्रेक्षण गृह प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
तीनों नाबालिगों ने रात के अंधेरे में दीवार फांदकर फरार होने की योजना को अंजाम दिया, जिसके बाद से पुलिस की टीमें उनकी तलाश में जुट गई हैं। मामला पुलगांव थाना क्षेत्र का है। बताया जा रहा है कि जिन नाबालिगों ने भागने की कोशिश की, उनमें से एक हत्या, दूसरा लूट, और तीसरा अन्य अपराध मामले में संप्रेषण गृह में रखा गया था।
सूचना मिलते ही हरकत में आई पुलिस
बाल संप्रेषण गृह प्रबंधन को जैसे ही घटना की भनक लगी, उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। थोड़ी ही देर में पुलगांव थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस अब आसपास लगे CCTV कैमरों के फुटेज खंगाल रही है, ताकि यह पता चल सके कि तीनों किस दिशा में भागे। साथ ही नाबालिगों के परिजनों से पूछताछ भी की जा रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वे किसी संपर्क में तो नहीं हैं।
ASP ने की घटना की पुष्टि
दुर्ग जिले के एएसपी सुखनंदन राठौर ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि, “बाल संप्रेषण गृह से तीन नाबालिगों के भागने की सूचना मिली है। इस पर विधिवत कार्रवाई शुरू कर दी गई है और उनकी तलाश के लिए अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गई हैं।” उन्होंने बताया कि फिलहाल तीनों नाबालिगों की तलाश में जिले के विभिन्न इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
पहले भी भाग चुके हैं नाबालिग
यह पहली बार नहीं है जब दुर्ग के बाल संप्रेषण गृह से नाबालिगों के भागने का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी कई बार सुरक्षा में लापरवाही और निगरानी की कमी के कारण बच्चे फरार हो चुके हैं। स्थानीय लोगों और सूत्रों के अनुसार, विभागीय अफसरों ने पिछली घटनाओं से सबक नहीं लिया, जिसके चलते यह घटना दोबारा घटित हुई है।
सवालों के घेरे में संप्रेषण गृह की सुरक्षा व्यवस्था
घटना के बाद एक बार फिर बाल संप्रेषण गृह की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह है कि अगर पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, तो सुरक्षा घेरा मजबूत क्यों नहीं किया गया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही नाबालिगों को पकड़ लिया जाएगा।
