रायपुर: पीएम श्री केंद्रीय स्कूल में 5वीं में पढऩे वाली छात्रा ने गर्मी की छुट्टियों में ऐसा कमाल किया है कि बड़े लोग भी दांतों तले उंगलियां दबा रहे हैं। इस बच्ची ने गर्मी की छुट्टी मौज-मस्ती की बजाय पर्यावरण संरक्षण के नाम कर दिया।
धमतरी जिले के भैंसमुंडी, मगरलोड की निवासी खुशिका साहू ने छुट्टी के दौरान 2500 से अधिक औषधीय पौधे रोपकर मिसाल पेश की है। इस दौरान उसने 1000 से अधिक पपीते और 1500 काली हल्दी के पौधे स्वयं अपने हाथों से लगाए हैं।
खुशिका का सपना है कि जब स्कूल खुलेगी तो वह इन पौधों को अपने सहपाठियों को तोहफे में देकर प्रकृति का संदेश देगी। खुशिका के पिता तुमनचंद साहू का कहना है कि बच्चों में बचपन से ही प्रकृति के संरक्षण के लिए संस्कार देना जरूरी है ताकि वे जिम्मेदार नागरिक बन सकें। खुशिका ने कहा कि प्रदूषण के कारण मौसम चक्र बिगड़ रहा है।
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और वन क्षेत्र घटने से पर्यावरण की सेहत बिगड़ रही है। यदि समय रहते इसे ठीक नहीं किया गया तो आने वाली पीढिय़ों की बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा। इन्हीं सबके मद्देनजर पौधे रोपने का निर्णय लिया। गांव में खाली जमीन पर खुुशिका ने पौधे रोपकर पूरे गांव में जागरूकता फैलाई है।
पर्यावरण संरक्षण की ओर एक कदम
आज के समय में बढ़ते प्रदूषण, घटते पेड़ और बिगड़ते मौसम चक्र के बीच पौधारोपण ही एक मजबूत उपाय है। खुशिका की यह पहल हमें सिखाती है कि हर छोटा कदम प्रकृति की रक्षा में बड़ा परिवर्तन ला सकता है।
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उम्मीदों की नई किरण
खुशिका जैसी बच्चियों से समाज को नई दिशा मिलती है। उनके हाथों में केवल पौधे नहीं, भविष्य की हरियाली और जीवन की आशा पनपती है। खुशिका साहू का यह कार्य न सिर्फ पर्यावरण के लिए बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कार के क्षेत्र में भी प्रेरणादायक उदाहरण है। अगर हर बच्चा एक पौधा भी लगाए, तो पृथ्वी को बचाया जा सकता है।