रायपुर: छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार दो ननों का मामला अब छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक गलियों में हाहाकार मचा दिया है। आज केरल से इंडि गठबंधन के सांसद और एमएलए दुर्ग सेंट्रल महिला जेल में बंद ननों से मुलाकात करने पहुंचे। इस दरमियान काफी अफरातफरी मची रही। इसके बाद इन सांसदों ने मंत्रालय में CM साय से भी मुलाकात की है।
ननों की गिरफ्तारी के मामले में इंडिया गठबंधन के 4 सांसदों ने CM विष्णु देव साय से मुलाकात की। इसे लेकर CM विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी धर्मों के लोग सौहार्दपूर्वक रहते हैं। CM साय ने सांसदों को आश्वस्त किया कि नन मामले की जांच न्यायिक प्रक्रिया से चल रही है। कानून स्वतंत्र रूप से अपना काम कर रहा है।
दरअसल आज इंडि गठबंधन के केरल से चार सांसद और एमएलए दुर्ग सेंट्रल जेल पहुंचे। इस दरमियान दुर्ग सेंट्रल जेल में पुलिस की बड़े पैमाने पर तैनात भी रही। केरल से आए इंडी गठबंधन के नेताओं ने महिला जेल में बंद ननों से मुलाकात की और मीडिया से बातचीत में बताया कि वह कानूनी लड़ाई लड़ेंगे इसके साथ ही इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
इन नेताओं का सीधे तौर पर आरोप है कि दोनों ननो पर जो कार्यवाही की गई है, वह गलत है किसी भी तरह का धर्मांतरण नहीं किया जा रहा था। तीनों लड़कियां काम करने के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा जा रही थी। पुलिस ने गलत कार्यवाही की है हम इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी पहुंचे जेल
वहीं जब केरल से नेता जेल में बंद ननो से मुलाकात करने के लिए जेल के गेट के बाहर खड़े थे। इस दरमियान छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी जेल पहुंच गए। हालांकि भूपेश बघेल ने ननो से मुलाकात नहीं की, लेकिन उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केरल से जो नेता आए हुए हैं उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा था। मैंने जेल डीजीपी से फोन में बात की और कहा कि अगर मिलने नहीं दिया जाएगा तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे। इसके बाद फिर जेल प्रबंधन ने केरल से नेताओं की मुलाकात ननो से करवाई है। मैं सिर्फ देखने आया था कि इनको मिलने दिया जा रहा है कि नहीं।
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का बयान
इस मामले में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का बयान भी सामने आया है। नन की गिरफ्तारी को लेकर अमरजीत भगत ने कहा है कि BJP के राज में तानाशाही सिस्टम चल रहा है। किसी के ऊपर कोई भी प्रकरण दर्ज हो सकता है। भारत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, सभी लोगों को अपनी मर्जी अनुसार धर्म मानने की स्वतंत्रता है। दबावपूर्वक धर्म परिवर्तन करवाता है तो अपराध की श्रेणी में आता है। किसी को काम दिलाने के लिए ले जाना कौन सा धर्म परिवर्तन है, इसको धर्म परिवर्तन से जोड़ना गलत है। रोजगार नहीं मिलेगा तो लोग कहीं भी जाकर काम कर सकते हैं।
बता दें कि इसके पहले राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणूगोपाल समेत कई कांग्रेसी और यूडीएफ के नेताओं ने इस पर अपनी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इसे लेकर संसद के बाहर भी इंडी गठबंधन के सांसदों ने बीते दिन प्रदर्शन किया था।