नृत्य–संगीत की दस विधाओं से सजा मधु गुंजन सतरंग 2025 का दूसरा दिन, 180 प्रतिभागियों ने मंच पर बिखेरी प्रतिभा

नृत्य–संगीत की दस विधाओं से सजा मधु गुंजन सतरंग 2025 का दूसरा दिन, 180 प्रतिभागियों ने मंच पर बिखेरी प्रतिभा

कोरबा। मधु गुंजन संगीत समिति एवं श्री वैष्णव संगीत महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय ‘मधु गुंजन सतरंग 2025’ के द्वितीय दिवस पर नृत्य व संगीत की विविध विधाओं से सजी भव्य महफिल देखने को मिली। कार्यक्रम में कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी, कुचिपुड़ी, शास्त्रीय गायन, सुगम गायन, लोक नृत्य, ट्रम्पेट वादन, उपशास्त्रीय नृत्य तथा सिनेमेटिक नृत्य सहित कुल 10 विधाओं की प्रस्तुतियाँ हुईं।

द्वितीय दिवस में कोरबा, बिलासपुर, शक्ति, भिलाई सहित छत्तीसगढ़ के प्रमुख जिलों से आए दलों ने अपनी सशक्त प्रस्तुतियों से मंच को सुशोभित किया। सुबह 10 बजे उद्घाटन सत्र का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का संचालन श्री वैष्णव संगीत महाविद्यालय के शरद वैष्णव ने किया। इस अवसर पर वरिष्ठ कला विद मनोज श्रीवास्तव, नृत्य गुरु डॉ. नरेंद्र ध्रुव, कार्यक्रम अध्यक्ष अजीत स्वाइन तथा नृत्य गुरु मधुस्मिता पॉल उपस्थित रहे।

आयोजकों के अनुसार द्वितीय दिवस में लगभग 110 प्रस्तुतियों में 180 प्रतिभागियों ने सहभागिता की। इसके अतिरिक्त उत्सव कलाकारों के रूप में आशिता वर्मा (कथक), रिद्धि कौशल्या (भरतनाट्यम), समृद्धि चौबे (भरतनाट्यम) तथा तमन्ना दास (कथक) ने उत्कृष्ट प्रस्तुतियाँ देकर दर्शकों की भरपूर सराहना बटोरी।

द्वितीय संध्या का समापन ऋतु रुंगटा, संगीता रातेरिया, अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना बासंती वैष्णव, प्रतिनिधि कलागुरु रायगढ़ घराना पं. सुनील वैष्णव, कलाविद मनोज श्रीवास्तव तथा आयोजक शरद वैष्णव एवं अजीत स्वाइन की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। कार्यक्रम ने कला, साधना और सांस्कृतिक समरसता का सशक्त संदेश दिया।

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