देश की नदियां उफान पर: असम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भयंकर बाढ़ की स्थिति…

देश की नदियां उफान पर: असम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में भयंकर बाढ़ की स्थिति…

नई दिल्ली। देश में मानसून ने रफ्तार पकड़ी है और इसके साथ ही कई राज्यों में नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। केंद्रीय जल आयोग (सीडबल्यूसी) की ताजा बुलेटिन के मुताबिक, असम, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की चार नदियों में गंभीर बाढ़ की स्थिति है, जबकि देश के अन्य 11 स्थानों पर नदियां चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही हैं।

सीडबल्यूसी के मुताबिक, असम के गोलाघाट जिले में ढनसिरी (दक्षिण) नदी और नुमालीगढ़ क्षेत्र में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। हालांकि इन नदियों के जल स्तर में अब धीरे-धीरे गिरावट देखी जा रही है, फिर भी प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

नर्मदा और वैनगंगा भी खतरे के पार

मध्य प्रदेश के मंडला में नर्मदा नदी का जलस्तर 437.67 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से ऊपर है। राहत की बात यह है कि इसका जलस्तर अब घट रहा है। उधर, महाराष्ट्र के भंडारा जिले में वैनगंगा नदी भी 245.8 मीटर तक पहुंच चुकी है और लगातार बढ़ रही है, जिससे स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है।

अन्य 11 जगहों पर चेतावनी स्तर पार

बाढ़ की यह स्थिति सिर्फ इन राज्यों तक सीमित नहीं है। असम, बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के 11 अन्य स्थानों पर भी नदियां चेतावनी स्तर से ऊपर बह रही हैं। इनमें असम में ब्रह्मपुत्र (नेमाटीघाट और तेजपुर), डिखो नदी (शिवसागर) और कुशियारा (करीमगंज) शामिल हैं। उत्तर प्रदेश में घाघरा नदी (एल्गिनब्रिज), बिहार में गंडक (डुमरिया घाट), और ओडिशा में बैतरणी और जलका नदियों में जलस्तर बढ़ा हुआ है। हालांकि इन नदियों में कुछ जगहों पर पानी स्थिर हो गया है या घट रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति थोड़ी राहत में दिख रही है।

35 डैमों और बैराजों पर जलभराव चेतावनी

केंद्रीय जल आयोग ने बताया कि देश भर में 35 ऐसे डैम और बैराज हैं, जहां पानी का बहाव खतरे के स्तर को पार कर गया है। इसमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के प्रमुख जलाशय शामिल हैं जैसे श्रीशैलम, मैथन, आलमट्टी, इंदिरा सागर और दुर्गापुर बैराज। इन क्षेत्रों में जल प्रबंधन की निगरानी बढ़ा दी गई है।

राहत की बात यह है कि अब तक देश में कहीं भी कोई नदी अपने ऐतिहासिक जल स्तर को पार नहीं कर पाई है, यानी ‘चरम बाढ़’ की स्थिति नहीं बनी है। बावजूद इसके, स्थानीय प्रशासन को तैयार रहने की सलाह दी गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।


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