बस्तर: छत्तीसगढ़ के सुदूर और कभी नक्सलवाद से कांपते इलाके बस्तर अब धीरे-धीरे बदलाव की राह पर हैं। जिन इलाकों में कभी सिर्फ हथियार और डर का राज था, अब वहां आत्मसमर्पण की लहर दौड़ रही है। यहां के लोग अब विकास की बात कर रहे हैं। इसी परिवर्तनशील वातावरण में आज बस्तर सभांग के अलग अलग जिलों से कुल 66 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सभी ने हिंसा का मार्ग त्यागकर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास जताया है।
सुकमा में 5 नक्सलियों ने किया सरेंडर
मिली जानकारी के अनुसार, सुकमा में 5 नक्सलियों आज सरेंडर किया है। सभी नक्सलियों ने सुकमा ASP के सामने हथियार छोड़ने का फैसला लिया है। ये नक्सली नीयद नेल्लानार और पुना मारगेम योजना से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ने को तैयार हुए हैं।
नारायणपुर 8 माओवादियों ने छोड़ा हथियार
नारायणपुर में भी नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है। यहां एक साथ प्लाटून 16 के कमांडर कमलेश और डॉक्टर टीम के सुखलाल समेत 8 नक्सलियों ने आत्मसर्मपण किया है। सभी माओवादियों ने SP रॉबिंसन गुरिया के सामने सरेंडर किया। बताया जा रहा है कि ये सभी अबूझमाड़ के घने जंगलों में सक्रिय थे और कई बड़ी घटनाओं में शामिल रह चुके हैं। इन पर कुल 33 लाख रुपए का इनाम था।
दंतेवाड़ा में 15 नक्सलियों ने त्यागा हिंसा का मार्ग
इसके अलावा दंतेवाड़ा में भी सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। यहां एक साथ 15 नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है। जिनमें से 5 पर इनाम घोषित था। बताया जा रहा है कि ये सभी अलग अलग इलाकें में सक्रिय थे। सभी पर कुल 17 रुपए का इनाम घोषित था।
कांकेर में पुलिस को मिली बड़ी सफलता
कांकेर में भी 5 महिलाओं समेत 13 नक्सलियों ने SP के सामने सरेंडर किया। नक्सलियों में एक कंपनी कमांडर भी शामिल है। इन पर कुल मिलाकर 62 लाख रुपए का इनाम था।
बीजापुर 25 नक्सलियों ने छोड़ा बंदूक
इसके अलावा बीजापुर में भी नक्सली संगठन को बड़ा झटका का सामना करना पड़ा है। यहां एक साथ 25 नक्सलियों ने सरेंडर किया है। सभी पर 1.15 करोड़ रु का इनाम था। सभी ने पुलिस अधिकारी के सामने सरेंडर किया है।