सरकार ने खाली कराए 6 गांव, लोगों ने खुशी-खुशी छोड़ा अपना घर! गर्व से छाती चौड़ी करने वाली है वजह

सरकार ने खाली कराए 6 गांव, लोगों ने खुशी-खुशी छोड़ा अपना घर! गर्व से छाती चौड़ी करने वाली है वजह

ओडिशा के बालासोर जिले में चांदीपुर स्थित छह गांवों को खाली कराने की प्रक्रिया जारी है. यहां स्‍थानीय डीएम के आदेश के बाद करीब 3,200 लोगों को किसी सुरक्षित स्‍थान पर ले जाया जा रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्‍योंकि डीआरडीओ इस क्षेत्र मे एक मिसाइल परीक्षण करने जा रहा है. परीक्षण के बाद लोगों को वापस अपने घर जाने की इजाजत दे दी जाएगी. लोग भी अपनी इच्‍छा से देश की सुरक्षा से जुड़े इस काम में अपना पूरा सहयोग दे रहे हैं.

एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से आज बुधवार को होने वाले संभावित मिसाइल परीक्षण से पहले सुरक्षा के मद्देनजर आसपास के इलाकों से करीब 3,200 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों पर पहुँचाया गया है. जिला प्रशासन ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के निर्देश पर यह कदम उठाया है. 2.5 किमी के दायरे में रहने वाले लोगों को स्थानांतरित किया गया है। जिला प्रशासन के अनुसार, लॉन्च कॉम्प्लेक्स-3 (एलसी-3) के 2.5 किलोमीटर के दायरे में आने वाले छह गाँवों के लगभग 3,200 निवासियों को अस्थायी रूप से स्थानांतरित किया गया है. यह कदम मिसाइल परीक्षण के दौरान किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए उठाया गया है.

बालासोर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) राज प्रसाद, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) सुदर्शन नायक, नीलगिरी उप-कलेक्टर सुभाश्री रथ, और प्रभारी बालासोर उप-कलेक्टर मधुस्मिता सामंतराय ने इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक बैठक में हिस्सा लिया. प्रशासन ने प्रभावित लोगों के लिए अस्थायी आश्रय स्थलों पर सभी जरूरी व्यवस्थाएँ की हैं. आईटीआर प्राधिकरण ने आश्रय स्थलों पर भोजन की व्यवस्था की है, जिसमें नाश्ता और दोपहर का भोजन शामिल है. इसके अलावा, मुआवजे की राशि को सुबह 11 बजे तक लाभार्थियों के खातों में सीधे हस्तांतरित करने की योजना है. प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि मिसाइल परीक्षण बिना किसी रुकावट के हो, साथ ही आम लोगों को कम से कम असुविधा हो.

पहले भी खाली कराए जा चुके गांव
यह पहली बार नहीं है जब चांदीपुर में मिसाइल परीक्षण के लिए लोगों को स्थानांतरित किया गया है. इससे पहले सितंबर 2024 में वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (वीएलएसआरएसएएम) के परीक्षण के दौरान भी 3,100 लोगों को अस्थायी आश्रय में भेजा गया था. नवंबर 2024 में लॉन्ग रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलआरएलएसीएम) के पहले उड़ान परीक्षण के दौरान भी इसी तरह की सावधानियाँ बरती गई थीं.

मिसाइल परीक्षण का महत्व
हाल के महीनों में चांदीपुर की आईटीआर रेंज में कई महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षण हुए हैं, जिनमें अग्नि-4 बैलिस्टिक मिसाइल, हाइपरसोनिक मिसाइल, और लॉन्ग रेंज मिसाइलें शामिल हैं. आज का परीक्षण भी डीआरडीओ के रक्षा अनुसंधान कार्यक्रम का हिस्सा माना जा रहा है, हालाँकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है. जिला प्रशासन ने लोगों से सहयोग की अपील की है और उन्हें आश्वासन दिया है कि परीक्षण के बाद प्रशासन की हरी झंडी मिलने पर वे अपने गाँवों में वापस लौट सकेंगे. इस प्रक्रिया में 100 से अधिक सरकारी अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि स्थानांतरण और वापसी की प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके. यह कदम न केवल स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि भारत की रक्षा तकनीक को मज़बूत करने की दिशा में एक और कदम को भी दर्शाता है.


Related Articles