कहा जाता है कि एमपी अजब है.. गजब है। मध्यप्रदेश में ये एक बार फिर सही साबित हुआ है। खरगोन जिले में नई ट्रांसफर नीति के तहत एक मृत शिक्षक का ट्रांसफर कर दिया गया। शिक्षक का देहावसान हुए 4 महीने से ज्यादा का समय बीत गया, लेकिन विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। इतना ही नहीं एक ऐसे शिक्षक का भी तबादला किया गया था, जो निलंबित है। ऐसे में अब न तो खरगोन जिले के जनजातीय कार्य विभाग के अधिकारी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है और न ही जिला शिक्षा अधिकारी। मृतक शिक्षक का भी ट्रांसफर कर दिए जाने से जनजातीय कार्य विभाग भी सवालों के घेरे में है।
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बताया जा रहा है कि गत 11 फरवरी 2025 को मृत हो चुके सहायक शिक्षक पूनम सिंह रावत का भगवानपुरा ब्लॉक से झिरन्या ब्लॉक के बबलगढ़ स्थित प्राथमिक स्कूल में जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त प्रशांत आर्या द्वारा ट्रांसफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि पोर्टल पर सूची अपडेट नहीं करने से मृत शिक्षक का भी आनन-फानन में रिक्त स्कूल में ट्रांसफर कर दिया गया। वहीं दूसरे मामले में पूर्व से निलंबित एक शिक्षक का भी कसरावद ब्लॉक से बड़वाह ब्लॉक में ट्रांसफर कर दिया गया। यह आदेश भोपाल स्थित लोक शिक्षण आयुक्त द्वारा जारी किया गया है। निलंबित शिक्षक दिनेश पटेल को कसरावद ब्लॉक के बामंदी से बड़वाह के थरवर स्थित स्कूल में ट्रांसफर कर दिया गया, जबकि वर्तमान में शिक्षक पटेल को निलंबित कर बीईओ कार्यालय कसरावद में अटैच किया गया है। अब दोनों ही मामलों में कैमरे के सामने अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। अब यह देने वाली बात होगी कि इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है।