लखनऊः उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों के एक अच्छी खबर है। अब उन्हें नौकरी से नहीं निकाला जाएगा। साथ ही छंटनी के नाम पर हटाए गए कर्मचारियों को कार्य पर वापसी हो सकती है। पावर कारपोरेशन के प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की तरफ से संगठन को ये भरोसा दिया गया कि उनकी जो भी मांगे हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा।
दरअसल, विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आंदोलन में निविदा/संविदा कर्मचारी संघ शामिल नहीं होगा। संगठन के पदाधिकारियों ने आंदोलन से बाहर रहने का फैसला लिया है। इससे संबंधित एक सवाल के जवाब में पावर कारपोरेशन के प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने बताया कि संगठन और प्रबंधन के बीच सफल वार्ता हुई है। संगठन की ज्यादातर मांगों को मान लिया गया है। कर्मचारियों की छंटनी पर रोक लगाए जाने और उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन और इसके सहयोगी निगमों में छंटनी के नाम पर हटाए गए कर्मचारियों को कार्य पर वापस लिए जाने की मांग सबसे पहले संगठन की तरफ से प्रबंधन के सामने रखी गई। उन्होंने कहा कि प्रबंधन ने बताया कि पिछले सालों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत विद्युत वितरण व्यवस्था की बेहतरी के लिए निवेश किया गया है, जिससे वितरण व्यवस्था सुधरी है। इसको ध्यान में रखते हुए विद्युत वितरण व्यवस्था में आउटसोर्स कर्मचारियों के बेहतर उपयोग के लिए कार्रवाई की गई है। प्रबंध निदेशक दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा की अध्यक्षता में उपकेंद्रों के मेंटेनेंस और परिचालन कार्य के लिए मानक निर्धारित किए जाने के लिए समिति का गठन किया गया है। उपकेंद्रों पर कर्मचारियों की जरूरत को देखते विचार किया जाएगा।
हड़ताली कर्मचारियों का नहीं कटेगा वेतन
संगठन की ओर से किए जा रहे कार्यबहिष्कार को समाप्त करते हुए 29 मई से विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आंदोलन, कार्य बहिष्कार या हड़ताल में किसी तरह की गतिविधियों से बाहर रहने का संगठन ने फैसला लिया। संगठन के प्रतिनिधियों ने मांग की है कि 20 मई से 72 घंटे तक किए गए कार्य बहिष्कार के फलस्वरूप किसी भी आउटसोर्स कर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए। इस पर भी प्रबंधन ने सहमति जता दी।