India Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान में चार दिन चले तनाव के बाद अब सीमा पर शांति की बहाली होने लगी है और पुराने दिन वापस लौटने लगे हैं। एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी ने शुक्रवार को दावा किया है कि अब दोनों देश वापस सीमा पर सैनिकों की संख्या घटाने लगे हैं। 22 अप्रैल से पहले वाली स्थिति वापस आने लगी है। दोनों देश तनाव से पहले वाली संख्या कर रहे हैं। दोनों पक्षों ने चार दिनों की झड़प में लड़ाकू विमानों, मिसाइलों, ड्रोन और तोपखाने का इस्तेमाल किया। इसके बाद, दोनों देशों में सीजफायर पर सहमति बन गई।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। आतंकवादियों ने लोगों से उनके धर्म पूछकर गोली मारी थी, जिससे पूरे देश में गुस्सा बढ़ गया था। पाकिस्तान के आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया था। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाते हुए लश्कर और जैश के आतंकियों को ढेर कर दिया था। इसके बाद पाक ने ड्रोन हमलों की नाकाम कोशिशें की थीं, जिसे भारत ने हवा में ही मार गिराया।
रॉयटर्स के अनुसार, पाकिस्तान के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने एक इंटरव्यू में कहा कि दोनों सेनाओं ने सैनिकों की संख्या कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संघर्ष के बाद से सार्वजनिक रूप से बोलने वाले सबसे वरिष्ठ पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी मिर्जा ने कहा, “हम लगभग 22 अप्रैल से पहले की स्थिति में वापस आ गए हैं। हम उस स्थिति के करीब पहुंच रहे हैं, या अब तक हम उस स्थिति के करीब पहुंच चुके होंगे।”
शांगरी-ला डायलॉग फोरम में भाग लेने के लिए सिंगापुर में मौजूद मिर्जा ने कहा कि हालांकि इस संघर्ष के दौरान परमाणु हथियारों की ओर कोई कदम नहीं उठाया गया, लेकिन यह एक खतरनाक स्थिति थी। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में तनाव बढ़ने का जोखिम बढ़ गया है। मिर्जा ने कहा कि यह (संघर्ष) दो ऐसे देशों के बीच सीमा को कम करता है जो परमाणु शक्ति से जुड़े हुए हैं…भविष्य में यह (पूरे) भारत और (पूरे) पाकिस्तान तक सीमित हो जाएगा। यह एक बहुत ही खतरनाक प्रवृत्ति है।” मिर्जा ने कहा कि तनाव कम करने के लिए कोई बैकचैनल चर्चा या अनौपचारिक बातचीत नहीं हुई। उन्होंने कहा, “इन मुद्दों को केवल बातचीत और परामर्श से ही सुलझाया जा सकता है। इन्हें युद्ध के मैदान में नहीं सुलझाया जा सकता।”