Tendu Leaves Scam: तेंदूपत्ता बोनस घोटाला मामले में एक और गिरफ्तारी, अब तक 13 आरोपी पहुंचे सलाखों के पीछे

Tendu Leaves Scam: तेंदूपत्ता बोनस घोटाला मामले में एक और गिरफ्तारी, अब तक 13 आरोपी पहुंचे सलाखों के पीछे

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में तेंदूपत्ता बोनस घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फुलबगड़ी प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समिति के प्रबंधक राजशेखर पुराणिक को गिरफ्तार किया है।

इस मामले में पहले ही तत्कालीन वनमंडलाधिकारी (DFO) अशोक कुमार पटेल सहित 11 आरोपियों (4 वनकर्मी और 7 समिति प्रबंधक) को गिरफ्तार किया जा चुका है। अब तक कुल 13 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, और मामले की जांच अभी भी जारी है। यह घोटाला 2021-22 के तेंदूपत्ता बोनस वितरण में 7 करोड़ रुपये के गबन से जुड़ा है, जिसमें आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहकों के हक की राशि का दुरुपयोग किया गया।

जांच में क्या आया सामने

जांच में सामने आया है कि सुकमा वन मंडल के तत्कालीन डीएफओ अशोक कुमार पटेल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वन विभाग के अधिकारियों और प्राथमिक लघुवनोपज सहकारी समितियों के प्रबंधकों के साथ मिलकर 2021 और 2022 के तेंदूपत्ता संग्रहण सीजन के लिए संग्राहकों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि (बोनस) में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की। इस घोटाले में 6.5 से 7 करोड़ रुपये का गबन किया गया, जो आदिवासी संग्राहकों को नकद भुगतान के रूप में वितरित किया जाना था।

जांच के अनुसार, फर्जी हस्ताक्षर, भुगतान आदेश, और संग्राहक सूचियों का उपयोग कर राशि को निजी हितों के लिए हड़प लिया गया। 90,000 से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को 2021 के लिए 4.51 करोड़ रुपये और 2022 के लिए 3.70 करोड़ रुपये का बोनस वितरित किया जाना था, लेकिन यह राशि संग्राहकों तक नहीं पहुंची। इस घोटाले में मृतकों और उन लोगों के नाम पर भी बोनस का दावा किया गया, जिनका तेंदूपत्ता संग्रहण से कोई संबंध नहीं था।

ईओडब्ल्यू की कार्रवाई

ईओडब्ल्यू ने 8 अप्रैल 2025 को FIR क्रमांक 26/2025 दर्ज की, जिसमें भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), 120बी (आपराधिक साजिश), और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(1)(ए) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान 10 और 11 अप्रैल 2025 को सुकमा, दोरनापाल, और कोंटा सहित 12 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें निम्नलिखित बरामद हुए:

26.63 लाख रुपये नकद, जो राजशेखर पुराणिक के निवास से जब्त किए गए।

महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, और बैंक खातों से संबंधित कागजात।

निवेश और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, जो गबन की राशि के दुरुपयोग की ओर इशारा करते हैं।

17 अप्रैल 2025 को अशोक कुमार पटेल को रायपुर के तेलीबांधा स्थित उनके निवास, ऐश्वर्या रेसीडेंसी, से गिरफ्तार किया गया। उन्हें रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां 23 अप्रैल 2025 तक पुलिस रिमांड दी गई। हालांकि, ईओडब्ल्यू की ओर से प्रक्रियात्मक चूक के कारण, जब उन्हें दंतेवाड़ा विशेष कोर्ट में पेश करना था, रायपुर कोर्ट में पेश करने पर कोर्ट ने फटकार लगाई। बाद में, 9 मई 2025 तक अशोक पटेल को दंतेवाड़ा कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

26 जून 2025 को ईओडब्ल्यू ने 11 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया और उन्हें रायपुर की विशेष कोर्ट में पेश कर 30 जून 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया। नवीनतम कार्रवाई में राजशेखर पुराणिक, जो फुलबगड़ी समिति के प्रबंधक और सुकमा जिला लघु वनोपज सहकारी यूनियन के पर्यवेक्षक थे, को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार आरोपियों की सूची

वन विभाग के अधिकारी/कर्मचारी:

चैतूराम बघेल (उप वनक्षेत्रपाल)

देवनाथ भारद्वाज (उप वनक्षेत्रपाल)

पोड़ियामी इड़िमा उर्फ हिडमा (उप वनक्षेत्रपाल)

मनीष कुमार बारसे (वनरक्षक)

प्राथमिक लघुवनोपज समिति के प्रबंधक/सहयोगी:

मनोज कवासी (जग्गावरम)

पायम सत्यनारायण उर्फ शत्रु

मोहम्मद शरीफ (कोंटा)

सी.एच. रमना (चिटूरी) (पालाचलमा)

सुनील नुप्पो (पेदाबोडकेल)

रवि कुमार गुप्ता (जगरगुंडा)

आयतू कोरसा

राजशेखर पुराणिक (फुलबगड़ी)


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