Tarpongi Toll Plaza Blockade: छत्तीसगढ़ में NSUI अध्यक्ष समेत 9 के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की FIR, जानिये क्या है पूरा मामला

Tarpongi Toll Plaza Blockade: छत्तीसगढ़ में NSUI अध्यक्ष समेत 9 के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की FIR, जानिये क्या है पूरा मामला

रायपुर। तरपोंगी टोल प्लाजा पर चक्काजाम करे के मामले में NSUI के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे सहित 9 नामजद पदाधिकारियों और अन्य अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज की है। जानकारी के मुताबिक, बीते रविवार को हुए NSUI के विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम किया था। इस मामले पर पुलिस ने सोमवार को कार्रवाई की है। यह पूरा मामला धरसीवां थाना क्षेत्र का है, जहां पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।

धरसींवा पुलिस ने कही ये बात

इस मामले पर धरसीवा पुलिस ने कहा कि, प्रदर्शनकारियों पर चक्काजाम, सार्वजनिक मार्ग बाधित करने, प्रशासनिक कार्य में बाधा डालने और कानून व्यवस्था भंग करने जैसे आरोपों के तहत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। इसमें नेहरू युवा संगठन NSUI के राज्यस्तरीय पदाधिकारी और स्थानीय कार्यकर्ता शामिल हैं।

अब जानिए क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बीते दिन 13 जुलाई को NSUI की रायपुर इसके ने टोल टैक्स और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर तरपोंगी टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन की अगुवाई NSUI के जिला अध्यक्ष प्रशांत गोस्वामी ने की थी। प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे की मौजूदगी में सैकड़ों छात्र कार्यकर्ता टोल प्लाजा पर एकजुट हुए और चक्काजाम किया। इससे रायपुर-बिलासपुर मार्ग पर लंबा जाम लग गया था। लोगों को आने-जाने में काफी समस्या हुई।

FIR में इनके नाम

नीरज पांडे (प्रदेश अध्यक्ष)

प्रशांत गोस्वामी (जिला अध्यक्ष)

अमित शर्मा (उपाध्यक्ष)

लेमन सोनवानी

विशाल कुकरेजा

जग्गू जांगड़े

वैभव मुजेवार

भावेश साहू

जितेश वर्मा सामेत अन्य अज्ञात कार्यकर्ता।

ये हैं NSUI की प्रमुख मांगें

CG 04 पासिंग वाहनों से टोल टैक्स समाप्त किया जाए, जिले की सीमाओं पर टोल लगाना अन्यायपूर्ण है। स्थानीय नागरिकों पर यह आर्थिक बोझ गैरवाजिब है और इसे तत्काल समाप्त किया जाना चाहिए।

छात्रों के लिए “स्टूडेंट टोल पास” की व्यवस्था की जाए, प्रतिदिन रायपुर आकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। NSUI ने मांग की कि विद्यार्थियों के लिए टोल टैक्स पूरी तरह माफ किया जाए या रियायती “स्टूडेंट पास” की व्यवस्था हो, जिससे वे शिक्षा के लिए निर्बाध आवागमन कर सकें।

टोल प्लाजा कर्मचारियों द्वारा यात्रियों से दुर्व्यवहार रोका जाए, कई बार टोल कर्मचारियों द्वारा आम नागरिकों, खासकर वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें आई हैं। NSUI ने मांग की कि टोल स्टाफ को व्यवहार-कुशलता का प्रशिक्षण दिया जाए और किसी भी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाए।

स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दी जाए, टोल प्लाजा में बाहरी लोगों को नौकरी पर रखा जा रहा है जबकि आसपास के स्थानीय युवाओं को रोजगार से वंचित किया जा रहा है। NSUI की मांग है कि टोल प्लाजा में प्राथमिकता स्थानीय बेरोजगार युवाओं को मिले।

इस मामले में पुलिस द्वारा अन्य प्रदर्शनकारियों की पहचान की जा रही है, जिसके बाद उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है। साथ ही, जिला प्रशासन भी टोल प्लाज़ा की सुरक्षा व्यवस्था और प्रदर्शन के दौरान हुई चूक की जांच में जुटा है।

यह मामला अब केवल आंदोलन का नहीं रहा, बल्कि प्रशासन और छात्र संगठन के बीच सीधा टकराव बन गया है। अब देखना होगा कि NSUI अपनी अगली रणनीति में क्या रुख अपनाता है और क्या सरकार उनकी मांगों पर विचार करती है या सख्ती के रास्ते पर आगे बढ़ती है।


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