अगर आप भी सिनेमा घरों में जाकर फिल्म देखने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। अब आपको एक फिल्म की टिकट खरीदने के लिए 200 रुपए से ज्यादा नहीं देने होंगे। खास बात यह है मनोरंजन टैक्स की राशि भी इसी में शामिल की गई है। दरअसल, कर्नाटक सरकार ने सिनेमा को और सुलभ बनाने के लिए पूरे राज्य में मूवी टिकट (Movie Ticket) की कीमतों की अधिकतम राशि तय कर दी है। सरकार के इस फैसले के बाद से सभी सिनेमा प्रेमी काफी खुश हैं। आपको बता दें कि ये नियम कर्नाटक के सभी जिलों में एक समान रूप से लागू होगा, चाहे वो बेंगलुरु जैसे महानगर हों या छोटे शहर और कस्बे। इस फैसले से दर्शकों को बड़ी राहत मिलेगी।
सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने बीते मंगलवार को बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने कहा है कि अब पूरे प्रदेश में महज 200 रुपये में कोई भी फिल्म आप देख सकते हैं। फिल्म चाहे किसी भी भाषा या किसी भी बैनर की हो। न्यूज एजेंसी एएनआई की मानें तो कर्नाटक सिनेमा संशोधन नियम 2025 के अनुसार गृह विभाग द्वारा आदेश जारी किया गया है। कर्नाटक सिनेमा अधिनियम 1964 की धारा 19 के तहत मिली शक्तियों के आधार ये प्रयोग किया गया है। सरकार का आदेश प्रकाशित कर दिया गया है और इसके साथ ही आधिकारिक गजट जारी होने के 15 दिनों के भीतर कोई आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं। इस ड्राप्ट में कहा गया है कि नियम 55 में प्रावधान से जोड़ा जाएगा। इस आदेश के अनुसार राज्य के सभी सिनेमा घरों और मल्टीप्लेक्स में 200 रुपये से ज्यादा के टिकट नहीं बेचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त प्रस्तावित संशोधन में मौजूदा 2014 के नियम से नियम संख्या 146 को हटाना है।
कन्नड़ फिल्मों के लिए OTT प्लेटफॉर्म
कन्नड़ फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही अपना खुद का ओवर-द-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की योजना बना रही है। यह विशेष रूप से कन्नड़ फिल्मों के लिए होगा। यह कदम इंडस्ट्री के प्रमुख लोगों जैसे रक्षित शेट्टी और ऋषभ शेट्टी की चिंताओं के जवाब में उठाया गया है, जिन्होंने प्रमुख स्ट्रीमिंग सेवाओं द्वारा क्षेत्रीय सामग्री में रुचि की कमी को उजागर किया था। रक्षित शेट्टी की परमवाह स्टूडियो ने जुलाई 2024 में अपनी वेब सीरीज ‘एकम’ के लिए खुद का स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था, क्योंकि उन्हें कोई बड़ा OTT सौदा नहीं मिल सका। सांस्कृतिक संरक्षण के प्रयासों के तहत, सरकार ने कन्नड़ फिल्मों का एक व्यापक आर्काइव बनाने के लिए 3 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह संग्रह डिजिटल और एनालॉग दोनों प्रारूपों में होगा और उन फिल्मों पर ध्यान देगा जो कर्नाटक के सामाजिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं को दर्शाती हैं।