Bilaspur Train Accident: बिलासपुर रेल हादसे में घायल हुई डीपी विप्र कॉलेज की छात्रा महविश परवीन आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। अपोलो अस्पताल में बीते एक सप्ताह से उसका इलाज चल रहा था।
डॉक्टरों ने काफी प्रयास किए, लेकिन मंगलवार देर रात उसने दम तोड़ दिया। महविश बिलासपुर के डीपी विप्र कॉलेज में बीएससी गणित की नियमित छात्रा थी और पढ़ाई में काफी मेधावी बताई जाती थी।
शादी में शामिल होने गई थी जांजगीर
जानकारी के मुताबिक, महविश अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए जांजगीर गई हुई थी। 4 नवंबर को वह कोरबा-बिलासपुर मेमू ट्रेन से लौट रही थी।
लालखदान के पास ट्रेन हादसे का शिकार हो गई। मेमू ट्रेन की महिला कोच मालगाड़ी से टकरा गई थी। भीषण टक्कर में महविश के दोनों पैर लोहे के एंगल के नीचे दब गए थे। उसके पैरों की हड्डियाँ चकनाचूर हो गईं, वहीं कॉलर बोन और पसलियों में भी गंभीर फ्रैक्चर हुए थे।
पहले सिम्स, फिर अपोलो किया गया रेफर
हादसे के बाद स्थानीय लोगों और रेलवे कर्मचारियों ने घायलों को तत्काल सिम्स अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने महविश की हालत गंभीर बताई और तुरंत अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया।
पिछले एक हफ्ते से डॉक्टरों की टीम लगातार उसका इलाज कर रही थी, लेकिन मंगलवार को उसने दम तोड़ दिया। अब इस हादसे में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 12 हो गया है।
रेलवे ने दिए ये निर्देश
4 नवंबर को बिलासपुर के लालखदान के पास हुए इस रेल हादसे में कुल 12 लोगों की मौत हो चुकी है। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि मेमू ट्रेन के मृत लोको पायलट विद्यासागर ने रेलवे का साइकोलॉजिकल टेस्ट पास नहीं किया था।
यह टेस्ट लोको पायलट की मानसिक योग्यता और आपात स्थिति में प्रतिक्रिया क्षमता को मापता है। इस लापरवाही को लेकर रेलवे ने अब नए लोको पायलट्स को पैसेंजर ट्रेन चलाने से पहले विशेष लर्निंग ट्रेनिंग अनिवार्य करने के निर्देश जारी किए हैं।
