गरियाबंद। हाथ में थैला और बच्चों को साथ लेकर सैकड़ों लोगों की भीड़ दौड़ रही है। ये भीड़ किसी मैराथॉन में नहीं दौड़ रही है बल्कि ये सैकड़ों लोगों का हुजूम अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए दौड़ रहे हैं। अनाज पाने की दौड़ में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। यह वीडियो छत्तीसगढ़ के गरियाबंद का है। जहां लोग फ्री का राशन लेने के लिए रेस लगाने को मजबूर है।
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक साथ तीन महीने का राशन लेने के लिए सैकड़ों उपभोक्ता राशन वितरण केंद्रों के बाहर जमा हो गए। लंबे इंतजार के बाद जब दुकान का मुख्य दरवाजा नहीं खुला तो उनके सब्र का बांध टूट गया और वो गेट तोड़कर अंदर घुस गए, जिससे वहां भगदड़ मच गई।
गरियाबंद में रविवार 22 जून 2025 को उस समय भगदड़ मच गई जब राशन वितरण केंद्रों पर चावल उत्सव के तहत एक साथ तीन महीने का राशन लेने के लिए सैकड़ों लोग जमा हुए। लंबे इंतजार के बाद भी दुकान का मुख्य दरवाजा नहीं खुलने से गुस्साए उपभोक्ताओं ने गेट तोड़ दिया, जिससे भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे घायल हो गए।
राशन दुकान पर सुबह से कतार में खड़े लोग घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करते रहे, लेकिन दुकानदार ने मुख्य दरवाजा नहीं खोला। स्थानीय लोगों के अनुसार, पिछले कई दिनों से राशन वितरण में तकनीकी समस्याएं आ रही थीं, जैसे: मोबाइल पर ओटीपी न आना , फिंगरप्रिंट का मिलान न होना , सर्वर का बार-बार डाउन होना
इन समस्याओं के कारण एक दिन में केवल 20-22 उपभोक्ताओं को ही राशन मिल पा रहा था, जिससे लोगों का गुस्सा भड़क उठा। गुस्साई भीड़ ने अंततः मुख्य दरवाजा तोड़ दिया और राशन पाने की होड़ में दुकान की ओर दौड़ पड़ी, जिससे भगदड़ मच गई।
भगदड़ में घायल हुए लोग
हादसे में कई महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे जमीन पर गिर पड़े, जिससे उन्हें मामूली चोटें आईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ में धक्का-मुक्की के कारण स्थिति अनियंत्रित हो गई, और पुलिस को हालात संभालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
क्या है चवाल उत्सव
छत्तीसगढ़ सरकार ने चावल उत्सव के तहत जून, जुलाई और अगस्त 2025 के लिए 81 लाख से अधिक राशन कार्ड धारक परिवारों को एकमुश्त चावल वितरण की योजना शुरू की थी। इस पहल का मकसद बारिश के मौसम में बाढ़ और खराब सड़कों जैसी समस्याओं से बचने के लिए अग्रिम राशन उपलब्ध कराना था। इसके लिए राज्य की 13,928 उचित मूल्य दुकानों में चावल का भंडारण किया गया।
हालांकि, तकनीकी खामियों ने इस योजना को प्रभावित किया। विशेष रूप से, तीन महीने का राशन वितरण करने के लिए छह बार ओटीपी जनरेट करने की प्रक्रिया ने वितरण की गति को धीमा कर दिया। इससे उपभोक्ताओं को भारी परेशानी हुई, और कई लोग बिना राशन के खाली हाथ लौटने को मजबूर हुए।
उपभोक्ताओं की शिकायतें
गरियाबंद के उपभोक्ताओं का कहना है कि राशन दुकानों पर स्लो सिस्टम और तकनीकी समस्याओं के कारण वे बार-बार निराश हो रहे हैं। कई बार लंबी कतारों में खड़े होने के बावजूद उन्हें राशन नहीं मिलता। कुछ उपभोक्ताओं ने बताया कि वे रोजाना सुबह से लाइन में लगते हैं, लेकिन दिन के अंत में उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर राशन वितरण की व्यवस्था में लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि तकनीकी समस्याओं का समय पर समाधान नहीं किया गया, जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। कुछ उपभोक्ताओं ने मांग की है कि सरकार राशन वितरण प्रक्रिया को सरल बनाए और दुकानों पर अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती करे।
यहाँ देखिये वायरल वीडियो
ये हमारे देश की जनता है और ये छत्तीसगढ़ का गरियाबंद है, ऐसे गेट खुलते ही भागने को मजबूर हैं क्योंकि नई मशीन है, 3 महीने का राशन साथ मिलना है एक दिन में बमुश्किल 20-22 लोगों को राशन मिल रहा है pic.twitter.com/t4oCkYracN
— Anurag Dwary (@Anurag_Dwary) June 23, 2025