आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़: कौन हैं जेसीबी दीदी, मलेशिया-जापान में होने वाले एक्स-पो में शामिल होने सीएम ने दी सहायता

आत्मनिर्भर छत्तीसगढ़: कौन हैं जेसीबी दीदी, मलेशिया-जापान में होने वाले एक्स-पो में शामिल होने सीएम ने दी सहायता

Chhattisgarh JCB Didi : रायपुर। महिलाएं आज हर क्षेत्र में धूम मचा रही हैं। चाहे मेडिकल की दुनिया हो, पत्रकारिता का रणक्षेत्र, शिक्षण का मंच हो या राजनीति का अखाड़ा – हर जगह नारी शक्ति अपनी छाप छोड़ रही है। रसोई की चूल्हों से निकलकर संसद तक, बाइक की सवारी से लेकर ट्रैक्टर और हवाई जहाज तक, अब तो भारी-भरकम हाइवा जैसे वाहनों को भी महिलाएं बखूबी चला रही हैं। इसका सबसे शानदार उदाहरण हैं छत्तीसगढ़ की जेसीबी दीदी।

जी हां, जेसीबी दीदी, जो हाइवा और जेसीबी जैसे भारी वाहनों को न सिर्फ आसानी से चलाती हैं, बल्कि अपनी मेहनत और हौसले से हर किसी को प्रेरित भी कर रही हैं। इतना ही नहीं, अब तो उनकी प्रतिभा की गूंज मलेशिया और जापान तक पहुंच रही है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय एक्सपो में हिस्सा लेने के लिए सहायता दी है, ताकि वो दुनिया को अपनी ताकत दिखा सकें। आइए, जानते हैं कौन हैं छत्तीसगढ़ की जेसीबी दीदी और क्या है उनकी कहानी…।

कौन है जेसीबी दीदी

जेसीबी, चेन माउंटेन और हाईवा जैसी भारी मशीनरी वाहनों को आसानी से ऑपरेट करने वाली जेसीबी दीदी का नाम दमयंती सोनी है। 62 वर्षीय दमयंती सोनी राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम खैरझिटी निवासी है। दमयंती सोनी को जेसीबी दीदी के नाम से भी जानी जा रही है। जेसीबी दीदी दमयंती सोनी ने बताया कि वे भारी मशीनरी वाहनों के एक्स-पो में शामिल होने देश के साथ विदेशों में भी प्रदर्शन किया है, जिसमें उन्हें सफलता मिली है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जेसीबी दीदी का सम्मान

जेसीबी दीदी दमयंती ने बताया कि वे बैंगलोर, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, नेपाल, अहमदाबाद के एक्स-पो कार्यक्रम में शामिल हुई है और वहां सफलतापूर्वक अपने हुनर का प्रदर्शन किया है। ओड़िसा सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जेसीबी दीदी दमयंती सोनी का सम्मान किया है। जेसीबी दीदी दमयंती सोनी ने बताया कि वे एक्स-पो कार्यक्रम में शामिल होने मलेशिया और जापान जाऐंगी।

मुख्यमंत्री साय ने की मदद

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से 3 लाख 76 हजार रूपए की राशि मिली है। जिससे वे दिसम्बर 2025 में जापान जायेंगी। अगस्त 2025 में मलेशिया के कार्यक्रम में शामिल होंगी। जहां वे अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगी।

पति को देखकर सीखा जेसीबी चलाना

जेसीबी दीदी दमयंती ने बताया कि पति की असामयिक मृत्यु ने उन्हें मजबूत बना दिया और बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी को देखते हुए, उन्होंने जेसीबी चलाना शुरू किया। उन्होंने बताया कि उनके पति स्वर्गीय उत्तम कुमार सोनी किराए से जेसीबी चलाते थे, जिसे वे प्रतिदिन देखती थी। उन्होंने धीरे-धीर जेसीबी चलाना सीख लिया। पति की मृत्यु के बाद वे जेसीबी चलाने लगी और यही उनकी आजीविका का साधन बना।

एक दिन में 30-35 राउंड हाईवा के

जेसीबी दीदी दमयंती ने बताया कि उनके बेटे अनमोल ने इसी वर्ष मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। बेटी का विवाह भी हो गया है। 62 वर्षीय दमयंती सोनी ने बताया कि वे एक दिन में 30-35 बार मिट्टी एवं मुरूम हाईवा में भर लेती है। मशीनरी वाहनों को आपरेट करते हुए कुशलता से चला लेती है। वह वर्ष 2012 से जेसीबी चला रही है।

अन्य राज्यों में समय-समय पर होने वाले एक्स-पो में शामिल हुई और वहां अपने हुनर का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। सामान्यतः यह माना जाता है कि ऐसे मशीनरी वाहन चलाना पुरूषों का कार्य है, लेकिन उन्होंने हिम्मत जुटाई और जज्बे के साथ इस चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक कर रही है।


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