अल्लाह के नाम पर खुद की दे दी कुर्बानी, बकरीद पर अधेड़ ने खुद का गला रेता, सुसाइड नोट में बताया कारण

अल्लाह के नाम पर खुद की दे दी कुर्बानी, बकरीद पर अधेड़ ने खुद का गला रेता, सुसाइड नोट में बताया कारण

यूपी के देवरिया से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां बकरीद पर शनिवार को गौरीबाजार थाना क्षेत्र के उधोपुर गांव में एक सनसनीखेज वारदात हुई। एक व्यक्ति ने कुर्बानी के नाम पर खुद का गला रेत लिया। गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसके पास से एक पत्र मिला हैं जिसमें अल्लाह के रसूल के नाम से कुर्बानी देने की बात लिखी गई है।

गौरीबाजार थाना क्षेत्र के उधोपुर गांव के रहने वाले 58 साल के ईश मोहम्मद ईद उल अजहा पर शनिवार की सुबह अन्य लोगों के साथ नमाज पढ़ने के लिए गए। नमाज पढ़कर लौटने के बाद वह घर के बगल में स्थित झोपड़ी में चले गए। परिवार के लोगों को लगा कि वह इबादत कर रहे हैं इसलिए उसमें कोई नहीं जा रहा था। बहुत देर बाद भी जब ईश मोहम्मद बाहर नहीं आए तो परिजनों को संदेह हुआ। इसके बाद परिवार के लोग झोपड़ी में गए तो अवाक रह गए। उनका गर्दन रेता हुआ था और लहूलुहान स्थिति में गिरे पड़े थे।

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यह देख परिवार के लोग उन्हें लेकर महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज देवरिया पहुंचे जहां से प्राथमिक इलाज के बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर कर दिया गया, जहां देर शाम उनकी मौत हो गई। पत्नी हाजरा खातून ने बताया कि ईश मोहम्मद का अंबेडकर नगर के किछौछा में मखदूम बाबा की मजार पर अक्सर आना-जाना था और वह हमेशा इबादत में रहते थे। उन्होंने मखदूम बाबा से प्रभावित होकर अपनी कुर्बानी देने के लिए गला रेत लिया।

झोपड़ी से ईश मोहम्मद के हाथ का लिखा मिला पत्र
ईश मोहम्मद के पास से जो पत्र मिला है उसमें लिखा गया है, “इंसान बकरे को अनपने बेटे की तरह पाल कर कुर्बानी करता है, वह भी जीव है, मैं खुद अपनी कुर्बानी अल्लाह के रसूल के नाम से कर रहा हूं। मेरी मिट्टी घबरा कर मत करना, मेरा कोई कत्ल नहीं किया है। सकून से मिट्टी देना, किसी से डरना नहीं है। मेरा कब्र बांस के पास जो खूंटा है, उसी जगह पर होना चाहिए। मेरा जन्म 10 जनवरी 66 दिन सोमवार को हुआ था।”

इस मामले में सीओ हरिराम यादव ने बताया कि बकरीद के दिन एक व्यक्ति के खुद के गला रेतने की सूचना पर मौके पर मै मौके पर गया था। परिजनों से बातचीत में अंधविश्वास में ऐसा कदम उठाने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

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ईश मोहम्मद के कदम हैरत में हैं उधोपुर गांव के लोग
बकरीद के त्योहार पर मुस्लिम समुदाय के लोग अपने अजीज पशुओं की कुर्बानी देने में जुटे थे। अचानक अंधविश्वास में ईश मोहम्मद ने बड़ा कदम उठा लिया। खुद की कुर्बानी दे दी। जब इसकी भनक गांव के लोगों को लगी तो वह हैरत में रह गए। परिवार में मातम छा गया और परिवार के सदस्यों के आंखों में आंसू भर आए। पत्नी हाजरा खातून भी दहाड़ मारकर रोने लगी। वहीं बेटियों की भी आंखें भर आई। ग्रामीणों का कहना था कि इस तरह की उम्मीद ईश मोहम्मद से नहीं थी। ईश मोहम्मद को तीन बेटे अहमद, फैज व ताज हैं। जबकि दो बेटियां नजमून व तजरुन हैं। छोटा बेटा मुंबई में रहकर कार्य करता है। तीन कमरों का एक मकान है। जिसमें दोनों बेटे परिवार के साथ रहते हैं। बगल में ही झोपड़ी है। जिसमें बकरियां रहती हैं। घटना के दोनों बेटे गांव पर ही बकरीद मनाने गए थे।


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