कर्नाटक विधानसभा शुक्रवार को राजनीतिक अखाड़ा बन गई, जब मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबरदस्त टकराव हुआ। BJP विधायकों ने इस फैसले को संविधान के खिलाफ बताया और सदन में हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते विधानसभा का माहौल गरमा गया, नारेबाजी तेज हो गई और फिर जो हुआ, उसने सभी को चौंका दिया! विधायकों ने बिल की कॉपी फाड़कर स्पीकर की ओर उछाल दी, जिससे नाराज विधानसभा अध्यक्ष यूटी खदर ने बड़ा फैसला लेते हुए 18 BJP विधायकों को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया।
मार्शल ने बलपूर्वक बाहर निकाला
विधानसभा अध्यक्ष यूटी खदर ने आसन के अनादर को गंभीरता से लेते हुए कड़ा कदम उठाया। हंगामा कर रहे विधायकों को सदन से निकालने के लिए मार्शल तैनात किए गए, जिन्होंने डोड्डनगौड़ा पाटील, अश्वथ नारायण और मुनिरत्न समेत 18 BJP विधायकों को बलपूर्वक सदन से बाहर निकाला।
#WATCH | Bengaluru: 18 Karnataka BJP MLAs being carried out of the Assembly after their suspension.
— ANI (@ANI) March 21, 2025
The House passed the Bill for their suspension for six months for disrupting the proceedings of Assembly. The Bill was tabled by Karnataka Law and Parliamentary Affairs Minister… pic.twitter.com/KKss0M9LVZ
विधायकों की सैलरी दोगुनी करने का बिल पास
BJP विधायकों के हंगामे के बीच सरकार ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों की सैलरी 100% बढ़ाने का बिल पास कर दिया। कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच.के. पाटिल ने यह विधेयक पेश किया, जिसे सदन ने मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री का वेतन ₹75,000 से बढ़ाकर ₹1.5 लाख प्रति माह कर दिया गया।
विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति का वेतन ₹75,000 से बढ़ाकर ₹1.25 लाख प्रति माह कर दिया गया।
BJP ने सरकार पर साधा निशाना
BJP ने इस निर्णय को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया और आरोप लगाया कि विधानसभा में विपक्ष की आवाज दबाने के लिए यह निलंबन किया गया। पार्टी के नेताओं ने राज्य सरकार पर जनहित के बजाय स्वयं के लाभ के लिए सैलरी बढ़ाने पर ध्यान देने का आरोप लगाया। BJP ने इस फैसले के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। पार्टी नेताओं ने कहा कि वे मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा जनता के बीच लेकर जाएंगे और इसे 2024 के चुनावों में बड़ा मुद्दा बनाएंगे।