Railway Social Media Ban: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) ने ड्यूटी के दौरान कर्मचारियों की किसी भी तरह की सोशल मीडिया एक्टिविटी पर पूरी तरह रोक लगा दी है। रेलवे ने स्पष्ट कहा है कि अब कर्मचारी ब्लॉगिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग, रील बनाने या कंटेंट क्रिएशन जैसी गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
वायरल वीडियो के बाद बढ़ी चिंता
हाल ही में कई रेलवे कर्मचारियों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिनमें वे ड्यूटी के दौरान अपने मोबाइल से रील या व्लॉग बनाते नजर आए। इन वीडियो में स्टेशन, इंजन कैब, यार्ड और कंट्रोल रूम जैसी संवेदनशील जगहों की फुटेज देखी गई, जो सुरक्षा मानकों के गंभीर उल्लंघन के रूप में सामने आई।
रेलवे के अनुसार, ऐसे वीडियो न केवल नियमों का उल्लंघन हैं, बल्कि रेलवे संचालन से जुड़ी गोपनीय जानकारी भी उजागर कर सकते हैं। इसी खतरे को देखते हुए SECR ने सख्त निर्णय लिया है।
ध्यान भटकने से बढ़ता है हादसों का खतरा
रेलवे प्रशासन का कहना है कि लोको पायलट, गार्ड और ट्रेन संचालन से जुड़े कर्मचारी अत्यधिक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हैं। ऐसे में लगातार मोबाइल पर रील रिकॉर्डिंग या कंटेंट क्रिएशन से ध्यान भटकता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है। इसलिए मोबाइल का उपयोग केवल आधिकारिक कार्य तक सीमित रहेगा।
क्या है नया आदेश?
SECR द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी ड्यूटी समय, रेलवे वर्दी में या रेलवे परिसर में वीडियो, फोटो या रील नहीं बनाएगा। रेलवे स्टेशन, ट्रेन, इंजन कैब, यार्ड, सिग्नलिंग पैनल और कंट्रोल रूम जैसी संवेदनशील जगहों पर शूटिंग करना सुरक्षा नियमों के खिलाफ है।
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि अवकाश के समय गैर-परिचालन क्षेत्रों में मोबाइल का उपयोग केवल आवश्यक निजी बातचीत के लिए करें, न कि किसी भी प्रकार के कंटेंट निर्माण के लिए।
अधिकारियों को सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी
रायपुर मंडल के सीनियर डीसीएम अवधेश कुमार त्रिवेदी ने कहा कि ड्यूटी के दौरान मोबाइल से रील या वीडियो बनाना पूरी तरह नियम विरुद्ध है और बिना अनुमति कोई भी कंटेंट बनाना प्रतिबंधित है। अधिकारियों को कर्मचारियों को आदेश की जानकारी देने और इसका सख्ती से पालन कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
SECR ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले वीडियो रेलवे की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। कई बार कर्मचारी मनोरंजन या फॉलोअर्स बढ़ाने की चाह में सुरक्षा को खतरे में डाल देते हैं। यह प्रतिबंध रेलवे की सुरक्षा, छवि और अनुशासन को मजबूत रखने के लिए आवश्यक कदम माना जा रहा है।

