मध्यप्रदेश। राहुल गांधी ने भोपाल के रविंद्र भवन में संगठन सृजन अभियान के तहत प्रदेश कांग्रेस कमेटी, जिला और ब्लॉक अध्यक्षों और AICC सदस्यों को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी ने जाति जनगणना समेत सीजफायर पर सरकार को घेरा।
राहुल गांधी ने कहा – “देश में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की आबादी करीब 90% है लेकिन इनकी भागीदारी ही नहीं है। देश में कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों को ही सारा पैसा दिया जाता है। आज दो हिंदुस्तान बन रहे हैं- एक 90% का हिंदुस्तान और दूसरा कुछ चुने हुए लोगों का हिंदुस्तान।”
“हम सुपर पावर बनने की चाहे कितनी भी बात कर लें लेकिन ये तभी संभव है जब हिंदुस्तान अपनी पूरी शक्ति का उपयोग करे।
देश का पूरा धन चुनिंदा लोगों के हाथ में सौंपा जा रहा है। चारों तरफ बस दो-तीन लोग दिखते हैं, जैसे इनके अलावा देश में कोई और बिजनेसमैन हैं ही नहीं।”
“अमेरिका में अडानी पर केस चल रहा है लेकिन हिंदुस्तान में ये कुछ भी कर सकते हैं, क्योंकि ये नरेंद्र मोदी के दोस्त हैं। यानी- देश के 90% लोगों को परे करके सारा पैसा चुने हुए लोगों को सौंपा जा रहा है।”
“अडानी-अंबानी चीन का माल भारत में बेचते हैं, खुद कमाई करते हैं और रोजगार चीन के युवाओं को मिलता है, जबकि यहां के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं।”
“ये हिंदुस्तान की सच्चाई है। इस देश के युवा को रोजगार नहीं मिल रहा है और इसे छिपाया नहीं जा सकता है। जातिगत जनगणना से पता चल जाएगा कि, किसको फायदा मिल रहा है और किसके साथ अन्याय हो रहा है। जातिगत जनगणना के दो मॉडल हैं – एक तेलंगाना का मॉडल और दूसरा बिहार का मॉडल।”
“बिहार में अफसरों ने जातिगत सर्वे के लिए बिना दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, जनरल कास्ट या अल्पसंख्यकों से पूछे ही सवाल तैयार कर दिए। वहीं, तेलंगाना में हमने लाखों लोगों से सवाल पूछा। हमारे इस प्रॉसेस में 3.5 लाख से ज्यादा लोगों ने एक साथ मिलकर सवाल निकाले हैं।”
“तेलंगाना के हर घर में सरकार के अफसर गए और सर्वे से जुड़े सवाल पूछे। इससे हमें पता चला कि प्रदेश में कॉर्पोरेट सेक्टर के बड़े पदों पर एक भी दलित, आदिवासी या पिछड़े वर्ग का व्यक्ति नहीं था।”
“BJP-RSS वालों पर थोड़ा सा भी दबाव डालो, डरकर भाग जाते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने उधर से फोन कर कहा – नरेंदर…सरेंडर। इधर नरेंद्र मोदी ने ‘जी हुजूर’ कहकर ट्रंप के इशारे का पालन किया। एक वक़्त 1971 का भी था, जब अमेरिका का सातवां बेड़ा आया था, लेकिन इंदिरा गांधी जी ने कहा था- मुझे जो करना है, वो करूंगी।”
“BJP-RSS वालों का कैरेक्टर ही ऐसा है। इन्हें आजादी के समय से सरेंडर वाली चिट्ठी लिखने की आदत है। कांग्रेस पार्टी सरेंडर नहीं होती है। गांधी जी, नेहरू जी, सरदार पटेल जी- ये सरेंडर वाले लोग नहीं हैं, बल्कि सुपरपावर से लड़ने वाले लोग हैं।”
“देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक तरफ- कांग्रेस पार्टी है, देश का संविधान है। दूसरी तरफ- BJP-RSS है, जो संविधान को खत्म करने में लगी है। BJP-RSS ने हर संस्थान में अपने लोग डाल दिए हैं और धीरे-धीरे देश का गला घोंट रहे हैं।”