Captain Shubhanshu Shukla: भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नई कहानी जुड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना के अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर तैनात ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत किया। इस बातचीत में पीएम मोदी ने उनके साहस, समर्पण और वैज्ञानिक योगदान की जमकर तारीफ की और कहा कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 25 जून को अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ ISS के लिए रवाना हुए थे। वे Axiom-4 मिशन का हिस्सा हैं जो भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियों ISRO और NASA के बीच हो रहे सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक क्षण को लेकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी पोस्ट किया और शुभांशु शुक्ला को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने लिखा कि कैप्टन शुभांशु शुक्ला सिर्फ एक व्यक्ति नहीं बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदों, सपनों और आकांक्षाओं को अंतरिक्ष में लेकर गए हैं। इस बातचीत को लेकर देशभर में उत्साह है। यह पहली बार है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री इतने लंबे अंतराल के बाद अंतरिक्ष की यात्रा पर गया है। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने भारत का नाम अंतरिक्ष में रोशन किया था। अब ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने यह जिम्मेदारी अपने कंधों पर उठाई है।
दो हफ्ते तक शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में बिताएंगे समय
Axiom-4 मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ISS पर लगभग दो हफ्ते का समय बिताएंगे, जहां वे माइक्रोग्रैविटी यानी सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वाले वातावरण में विज्ञान और तकनीक से जुड़े करीब 60 प्रयोग करेंगे। इनमें से सात प्रयोगों का नेतृत्व खुद शुभांशु शुक्ला करेंगे। इस दौरान टीम शिक्षा से जुड़े कई कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेगी और छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूक करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि यह मिशन भारत की वैज्ञानिक ताकत और वैश्विक अंतरिक्ष अनुसंधान में उसकी मजबूत भागीदारी को दर्शाता है। उन्होंने ISRO और NASA के संयुक्त प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह साझेदारी भविष्य में और भी बड़े आयामों को छूएगी।