भोपालः मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। इसी बीच अब उन्होंने एक बार फिर कुछ ऐसा पोस्ट कर दिया है, जिस पर बवाल शुरू हो गया है। कोई उसका समर्थन कर रहा तो कोई उसका विरोध कर रहा है। दरअसल, नियाज खान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर ट्वीट कर कहा, “इस्लाम तो अरब का धर्म है, यहां तो सभी हिंदू थे. हिंदू से लोग मुस्लिम बनाए गए थे, इसलिए भले ही धर्म अलग-अलग हों लहू तो एक है. सभी एक संस्कृति का हिस्सा रहे हैं. अगर जो मुस्लिम अरब के लोगों को आदर्श मानते हैं वे पुनर्विचार करें. सर्वप्रथम हिंदुओं को अपना भाई माने बाद में अरब को.”
आदिवासी संगठन जयस प्रमुख और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने नियाज खान की बुक और बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि
नियाज खान की सोच सनातन, संविधान, विरोधी जातिवाद और पाखंडवाद को बढ़ावा देने वाली है।
संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति पाखंड फैला रहा है। बुक के जरिए जातिवाद फैलाने का काम किया गया।
ऐसे अधिकारी पर मध्यप्रदेश सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
मौलाना ने किया समर्थन
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने IAS नियाज खान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि भारत में ज्यादातर कन्वर्टेड मुस्लिम हैं। अरब देश से कुछ मुसलमान आए थे। वे जब भारत में आए तो उन्होंने ऊंच-नीच का फासला खत्म किया। इससे प्रवाहित होकर हिंदू, बौद्ध और अन्य धर्म के लोगों ने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया। मध्यप्रदेश के IAS नियाज खान के बयान को समझने की जरूरत है।’