पटना: छठ पूजा से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के रणनीतिक चुनावी दौरे पर उतर रहे हैं। उनका 4 दिवसीय दौरा 24 अक्टूबर से शुरू होगा, जिसमें वे समस्तीपुर से शुरुआत करते हुए ताबड़तोड़ 12 रैलियां करेंगे। यह दौरा बिहार विधानसभा चुनाव के लिए NDA कार्यकर्ताओं में जोश फूंकने का काम करेगा, जबकि विपक्षी महागठबंधन में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच सीट बंटवारे को लेकर खुली ‘फ्रेंडली फाइट’ तेज हो गई है। NDA ने केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों की पूरी फौज उतार दी है, वहीं महागठबंधन की आंतरिक कलह ने कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला खड़ा कर दिया है।
NDA ने बिहार में झोंक दी है सारी ताकत
प्रधानमंत्री मोदी 24 अक्टूबर को समस्तीपुर की रैली से शुरुआत करते हुए 4 दिनों में 12 रैलियां करेंगे। NDA के सूत्रों के मुताबिक, यह दौरा नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को मजबूत करने और अगले 5 साल के लिए ‘डील सील’ करने का प्रयास है। मोदी के बिहार पहुंचने से पहले ही NDA की पूरी ताकत झोंक दी है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, अमित शाह जैसे दिग्गजों के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रैलियां शुरू कर दी हैं।
‘फ्रेंडली फाइट’ से महागठबंधन को मुश्किल
महागठबंधन में ‘फ्रेंडली फाइट’ से मामला खराब होता दिख रहा है। हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि राहुल गांधी बिहार नहीं आ रहे, जबकि तेजस्वी यादव पटना में रहकर घर से निकल नहीं रहे। लालगंज, वैशाली, राजापाकड़ और कहलगांव समेत कई सीटों पर महागठबंधन के ही घटक दल आमने-सामने हैं। माना जा रहा है कि महागठबंधन की फूट से मुस्लिम वोट बंट सकता है। बता दें कि बिहार में करीब 17.5 फीसदी मुस्लिम वोटों की बात कही जाती है। ऐसे में PK और ओवैसी के भी दावा ठोंकने से मुस्लिम वोटों के बंटने का खतरा पैदा हो गया है। सियासी पंडितों का मानना है कि इस वजह से कई सीटों पर महागठबंधन को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।