PM मोदी और RSS चीफ मोहन भागवत ने राम मंदिर के शिखर पर फहराया ध्वज, सीएम योगी ने जताया आभार

PM मोदी और RSS चीफ मोहन भागवत ने राम मंदिर के शिखर पर फहराया ध्वज, सीएम योगी ने जताया आभार

Ram Mandir Dhwajarohan 2025: अयोध्या: पीएम मोदी और आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने आज अयोध्या स्थित राम मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराया। इस दौरान पीएम मोदी ने रामलला के दर्शन किए और राम दरबार में पूजा-अर्चना भी की। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे।

कैसा है ध्वज?

प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने पवित्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराया, जो मंदिर निर्माण के पूरा होने का प्रतीक है। 10 फीट ऊंचा और 20 फीट लंबा समकोण त्रिभुजाकार ध्वज, भगवान श्री राम के तेज और पराक्रम का प्रतीक है।

सीएम योगी ने पीएम मोदी का जताया आभार

राम मंदिर पर जैसे ही ध्वजारोहण हुआ, वैसे ही भक्त हर्षोल्लास से झूम उठे। ‘जय श्री राम’ के नारों से पूरा माहौल राममय हो गया। इस मौके पर यूपी के सीएम योगी ने कहा कि आज का ये दिन हर भारतवासी के लिए गौरव का दिन है। पीएम मोदी ने इस ध्वज को फहराया, इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूं।

सीएम योगी ने कहा कि ये एक नए युग का शुभारंभ है। हम एक नए भारत का दर्शन कर रहे हैं। अयोध्या बदहाली का शिकार हो गया था। आज अयोध्या में हर दिन नया पर्व है। अयोध्या वैश्विक उत्सवों की राजधानी है।

मोहन भागवत बोले- ‘ये राम राज्य का ध्वज है’

सीएम योगी के बाद आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी जनता को संबोधित किया और ऐतिहासिक क्षण के गवाह बने। उन्होंने कहा कि आज हम सबके लिए सार्थक दिन है। कितने लोगों ने इसका सपना देखा था और प्राण अर्पण किए थे। आज उनकी आत्मा तृप्त हुई होगी। ये राम राज्य का ध्वज है, जो कभी अयोध्या में फहराता था, उस ध्वज को आज फिर नीचे से ऊपर चढ़ता हुआ और अपने शिखर पर लहराता हुआ देखा है।  

भागवत ने कहा कि भगवा रंग धर्म का प्रतीक है। राम मंदिर के लिए लोगों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है। 500 सालों तक राम मंदिर के लिए संघर्ष किया है। अब राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 

पीएम मोदी ने कहा- ‘सदियों के घाव भर रहे हैं’

पीएम मोदी ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व राममय है। रामभक्तों के दिल में असीम संतोष है। सदियों के घाव भर रहे हैं। सदियों की वेदना आज विराम पा रही है। सदियों का संकल्प आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है। आज उस यज्ञ की पूर्णाहुति है जिसकी अग्नि 500 साल प्रज्जवलित रही।


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