PM Kisan Yojana 21st Installment: हमारे देश में आज भी एक ऐसा बड़ा तबका है जो गरीब वर्ग से आता है या फिर जरूरतमंद है। ऐसे लोगों की आर्थिक मदद करने के लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार कई तरह की लाभकारी और कल्याणकारी योजनाएं चलाती है। इसी क्रम में एक योजना है प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना जिसके तहत सिर्फ उन किसानों को लाभ मिलता है, जो इस योजना के लिए पात्र हैं।
योजना के तहत किसानों को साल में तीन बार 2-2 हजार रुपये दिए जाते हैं। अब तक कुल 20 बार ये लाभ दिया जा चुका है और अब बारी 21वीं बार यानी 21वीं किस्त की है, लेकिन सवाल ये है कि केंद्र सरकार किसानों के बैंक खाते में ये किस्त के पैसे कब भेजेगी? चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि 21वीं किस्त कब जारी हो सकती है।
21वीं किस्त का इंतजार कब होगा खत्म?
- अगर आप भी पीएम किसान योजना से जुड़े हैं तो आपको इस बार 21वीं किस्त का इंतजार होगा? योजना के तहत अब तक कुल 20 किस्त का लाभ किसानों को मिल चुका है। बीती 2 अगस्त को लगभग 9 करोड़ से अधिक पात्र किसानों को 20वीं किस्त के रूप में 2-2 हजार रुपये का लाभ मिला।
 
- ऐसे में अब बारी 21वीं किस्त की है। माना जा रहा है कि इसी महीने यानी नवंबर में ही 21वीं किस्त जारी हो सकती है और पात्र किसानों के बैंक खाते में 2-2 हजार रुपये की धनराशि भेजी जा सकती है। हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर इस जानकारी का इंतजार है। योजना से जुड़ी आधिकारिक जानकारी योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर है।
 
डीबीटी से आते हैं पैसे
- इस योजना को केंद्र सरकार चलाती है और जब भी किस्त जारी होनी होती है, तो एक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे योजना से जुड़े किसानों से संवाद करते हैं और किस्त जारी करते हैं। सरकार डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खाते में किस्त के पैसे हस्तांतरित करती है।
 
इन किसानों की अटक सकती है किस्त:-
- अगर आप पीएम किसान योजना से जुड़े हैं, लेकिन अगर आपने भू-सत्यापन का काम तय समय के भीतर नहीं करवाया है तो आप किस्त के लाभ से वंचित रह सकते हैं
 - जिन किसानों ने ई-केवाईसी नहीं करवाई है या तय समय के भीतर पूरी नहीं करवाते हैं, तो भी ऐसे किसानों की किस्त अटक सकती है
 - जो किसान अपात्र होने पर भी गलत तरीके से योजना से जुड़ते हैं। ऐसे किसानों की पहचान कर उनके आवेदन रद्द कर उन्हें किस्त के लाभ से वंचित रखा जाता है और जरूरत पड़ने पर रिकवरी तक की जा सकती है
 
