No Helmet No Petrol Raipur: रायपुर में बेअसर हुआ ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ अभियान, पंपों पर अब भी बिना हेलमेट मिल रहा पेट्रोल

No Helmet No Petrol Raipur: रायपुर में बेअसर हुआ ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ अभियान, पंपों पर अब भी बिना हेलमेट मिल रहा पेट्रोल

No Helmet No Petrol Raipur: राजधानी में 1 सितंबर से शुरू किए गए नो हेलमेट-नो पेट्रोल अभियान (No Helmet-No Petrol Campaign in Raipur) का असर पहले ही दिन फीका पड़ गया। पेट्रोल पंप संचालकों ने वादा किया था कि बिना हेलमेट (Helmet Rule) लगाए आने वाले दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा, लेकिन हकीकत कुछ और ही नजर आई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर पंपों पर बाइक सवार बिना हेलमेट भी आसानी से पेट्रोल भरवा रहे हैं।

हादसों पर रोक लगाने के लिए शुरू की गई थी मुहिम

दरअसल, रायपुर पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने सड़क हादसों को रोकने और लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से यह अभियान शुरू किया था। इस बारे में एसोसिएशन ने उपमुख्यमंत्री अरुण साव और कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह को ज्ञापन भी सौंपा था। प्रशासन की ओर से भी इस पहल को समर्थन मिला, ताकि राजधानी में हेलमेट की अनिवार्यता को सख्ती से लागू किया जा सके।

भोपाल और इंदौर में पहले से लागू है नियम

यह पहल रायपुर में नई है, लेकिन मध्य प्रदेश के भोपाल और इंदौर में पिछले महीने 1 अगस्त से ही लागू है। वहां बिना हेलमेट बाइक सवारों को पंप पर पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है। रायपुर में भी यही व्यवस्था लागू करने का दावा किया गया था, मगर यहाँ इसका पालन होते नहीं दिखा।

सड़क हादसों के बढ़ते मामलों पर चिंता

राजधानी रायपुर में हर साल सैकड़ों सड़क हादसे होते हैं। ट्रैफिक विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इन दुर्घटनाओं में मरने वालों में लगभग 60% ऐसे लोग होते हैं जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना होता। यही कारण है कि प्रशासन ने ‘नो हेलमेट-नो पेट्रोल’ अभियान को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया था। लेकिन पहले ही दिन अभियान का कमजोर पड़ना सवाल खड़े करता है।

Read More : कब लगेगा चंद्र ग्रहण? भारत में दिखेगा असर या नहीं, जानें सूतक काल का समय

पंप संचालकों पर अमल का दबाव

पेट्रोल पंप संचालकों का कहना है कि वे नियम को मानने के पक्ष में हैं, लेकिन कई बार लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ता है। कई उपभोक्ता पंप पर हंगामा कर देते हैं और विवाद की स्थिति बन जाती है। ऐसे हालात में संचालक मजबूरी में बिना हेलमेट वालों को भी पेट्रोल दे देते हैं।

ट्रैफिक पुलिस की सख्ती जरूरी

विशेषज्ञों का मानना है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए केवल पंप संचालकों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। ट्रैफिक पुलिस को भी सख्ती करनी होगी। नियम का उल्लंघन करने वालों पर चालान काटना, पेट्रोल पंपों पर निगरानी बढ़ाना और लोगों को हेलमेट पहनने के फायदों के बारे में लगातार जागरूक करना जरूरी है।

लोगों की प्रतिक्रिया और जागरूकता की कमी

बाइक सवार युवाओं ने इस नियम पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। कुछ का कहना है कि यह अभियान सड़क सुरक्षा के लिए सही है, लेकिन कई लोग इसे “अनावश्यक पाबंदी” मान रहे हैं। समस्या यह भी है कि रायपुर में अब भी बड़ी संख्या में लोग हेलमेट को बोझ समझते हैं, न कि सुरक्षा कवच।

अभी तक प्रशासन ने इस मामले पर कोई कड़ा कदम नहीं उठाया है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में कलेक्टर और ट्रैफिक विभाग मिलकर एक रणनीति तैयार करेंगे, ताकि यह नियम सिर्फ कागजों तक सीमित न रह जाए।


Related Articles