New Rules From 1 April : आज से लागू होंगे 10 नए नियम, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर

New Rules From 1 April : आज से लागू होंगे 10 नए नियम, आम आदमी की जेब पर पड़ेगा असर

नई दिल्ली: मार्च का महीना खत्म होते ही कई नए नियम लागू हो जाएंगे. जिसका असर आम आदमी पर पड़ेगा. कुछ बदलाव फायदेमंद होंगे तो कुछ जेब पर बोझ बढ़ा सकते हैं. इसलिए इन नियमों के बारे में पहले से जान लेना जरूरी है. ताकि भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचा जा सके. इससे फाइनेंशियल प्लानिंग में भी मदद मिलेगी. 1 अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू हो रहा है. इनकम टैक्स से जुड़े कई नियम बदलने जा रहे हैं. क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में बदलाव देखने को मिल सकता है. अप्रैल की शुरुआत में UPI से जुड़े नए नियम भी लागू हो जाएंगे. कुछ जरूरी दवाइयां भी महंगी हो सकती हैं. LPG गैस सिलेंडर और ईंधन की दरों में भी संशोधन की संभावना है. म्यूचुअल फंड से जुड़े नए नियम भी लागू हो सकते हैं.

इन नियमों में हो रहा बदलाव

UPI से जुड़े नए नियम-
NPCI ने UPI से जुड़े नियम बदले हैं. इनएक्टिव मोबाइल नंबरों के लिए UPI ट्रांजेक्शन बंद होने जा रहा है. इससे धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी.

दवाइयां महंगी हो जाएंगी-
सरकार ने एलएलईएम के तहत दवाइयों की कीमतों में 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी की अनुमति दे दी है. इससे बुखार, मधुमेह, एलर्जी समेत कई आम बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां महंगी हो जाएंगी. इस सूची में विटामिन, मिनरल, पैरासिटामोल जैसी दवाइयां शामिल हैं.

FD से जुड़े नए नियम-
वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलने जा रही है. TDS कटौती को दोगुना कर दिया गया है. पहले यह 50,000 रुपये थी, लेकिन 1 अप्रैल से TDS कटौती 1 लाख रुपये होगी. इसका मतलब यह है कि अब वरिष्ठ नागरिकों को सावधि जमा या आवर्ती जमा से 1 लाख रुपये तक की ब्याज आय पर टीडीएस नहीं लगाया जाएगा.

इनपुट टैक्स डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम लागू होगा-
कारोबार करने वालों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट सिस्टम के तहत रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. यह नियम आज से लागू होगा. ऐसा न करने पर जुर्माना लग सकता है.

लाभांश और म्यूचुअल फंड से जुड़े नए नियम-
सरकार ने लाभांश आय पर टीसीएस की सीमा को 5000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति वित्तीय वर्ष कर दिया है. म्यूचुअल फंड और डीमैट खातों से जुड़े नियम सख्त होंगे. अब यूजर्स को केवाईसी और नॉमिनी की जानकारी वेरिफाई करनी होगी. ऐसा न करने पर अकाउंट फ्रीज हो सकता है. इस संबंध में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को निर्देश भी जारी किए हैं.

टैक्स से जुड़े नए नियम होंगे-
विदेशी लेनदेन पर RBI की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के लिए TCS की सीमा बढ़ने जा रही है. इसे 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है.
सरकार ने विशिष्ट वित्तीय संस्थान से शिक्षा लोन के लिए TCS कटौती को हटाने का फैसला किया है.

मकान मालिकों के लिए किराए में कमी पर TDS कटौती की सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये प्रति वित्तीय वर्ष कर दी गई है.

1 अप्रैल से 80C जैसी पुरानी टैक्स व्यवस्था में छूट का लाभ उठाने के लिए अलग से आवेदन करना अनिवार्य होगा. नई व्यवस्था डिफॉल्ट होगी.

नया टैक्स स्लैब लागू होगा. जिसके तहत 12 लाख रुपये की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. वेतनभोगी कर्मचारियों को 75 हजार रुपये की टैक्स कटौती का लाभ मिलेगा.

बैंकिंग से जुड़े नए नियम-
न्यूनतम बैंक बैलेंस से जुड़े नियम सख्त होंगे. बैंक बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस की सीमा बढ़ा सकते हैं. ग्राहकों को शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से खाते में न्यूनतम रकम रखनी होगी. SBI, PNB समेत कई बैंकों ने नियम बदले हैं. SBI और IDFC फर्स्ट बैंक ने क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम बदले हैं. कुछ क्रेडिट कार्ड पर रिवॉर्ड पॉइंट, फ्री वाउचर और माइलस्टोन बेनिफिट बंद करने का ऐलान किया गया है. चेक पेमेंट से जुड़े नियम भी बदल सकते हैं. 50,000 रुपये से ज्यादा की रकम के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम जरूरी होगा. धोखाधड़ी के मामलों को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है.

एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव-
तेल कंपनियां महीने की पहली तारीख को एलपीजी सिलेंडर की नई कीमतें तय करती हैं. 1 अप्रैल को सिलेंडर की कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है.

यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस)-
अगस्त 2024 में शुरू की गई यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) को भी लागू किया जाएगा, जो पुरानी पेंशन प्रणाली की जगह लेगी और लगभग 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को प्रभावित करेगी, जिनमें कम से कम 25 साल की सेवा वाले लोगों को उनके अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50 फीसदी के बराबर पेंशन मिलेगी.

नई जीएसटी सुरक्षा सुविधा-
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ढांचे में भी नए संशोधन देखने को मिलेंगे, जिसमें मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (एमएफए) नामक एक नई सुरक्षा सुविधा जीएसटी पोर्टल तक पहुंचने वाले करदाताओं के लिए अनिवार्य हो जाएगी. इसके अलावा, ई-वे बिल (ईडब्ल्यूबी) केवल उन आधार दस्तावेजों के लिए तैयार किए जा सकेंगे जो 180 दिनों से अधिक पुराने नहीं हैं.


Related Articles