New Raipur
नंदनवन जंगल सफारी के “प्राकृतिक दर्शन” कार्यक्रम के अंतर्गत इस साल अब तक 150 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों के 13,000 से अधिक विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया है। कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक करना और उन्हें प्रकृति के महत्व को समझाना है।
कार्यक्रम में सफारी भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने शेर, बाघ, भालू और शाकाहारी जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देखा। यह अनुभव न केवल रोमांचक था, बल्कि विद्यार्थियों को इन प्रजातियों के संरक्षण के महत्व को समझने में भी मददगार साबित हुआ।
चिड़ियाघर दौरे में विद्यार्थियों ने 28 से अधिक प्रजातियों का अवलोकन किया। इनमें मांसाहारी,सरीसृप और शाकाहारी शामिल थे। विद्यार्थियों को इन प्रजातियों की जीवनशैली, भोजन और पर्यावरणीय भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। यह क्षेत्र विद्यार्थियों को जैव विविधता के महत्व को समझाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है।
प्रकृति पथ (नेचर ट्रेल) पर विद्यार्थियों ने स्थानीय पौधों, तितलियों और अन्य जैव विविधता को करीब से देखा और उनके महत्व को समझा। प्रकृति पथ की गतिविधियां न केवल शिक्षाप्रद थीं, बल्कि विद्यार्थियों के लिए अत्यंत रोमांचक भी साबित होती है।
नंदनवन जंगल सफारी के संचालक श्री धम्मशील गणवीर ने कहा,
“प्राकृतिक दर्शन कार्यक्रम विद्यार्थियों को वन्यजीवों और पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें प्रकृति से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य है कि यह कार्यक्रम और अधिक व्यापक हो, ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी लाभान्वित हो सकें।”
विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम को बेहद शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक बताया। उन्होंने न केवल वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरणीय जागरूकता के महत्व को समझा, बल्कि प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का संकल्प भी लिया।