New Instructions for Govt Employees वित्त मंत्रालय ने बुधवार को अपने कर्मचारियों पर ChatGPT और डीपसीक जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी। कर्मचारी ऑफिस के डिवाइस यानी मंत्रालय की ओर से दिए गए कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट जैसी डिवाइस में AI टूल्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। व्यय विभाग की ओर से 29 जनवरी को जारी आदेश से पता चलता है कि AI टूल्स के इस्तेमाल से गोपनीय सूचनाएं लीक होने का खतरा है। इसके चलते यह कदम उठाया गया है। यह आदेश मंत्रालय के सभी विभागों पर लागू होगा। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देश भी AI टूल्स बैन कर चुके हैं। चैटजीपीटी (चैट जनरेटिव प्री ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर) एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंट चैटबॉट है। यह इंटरनेट पर मौजूद जानकारी को पढ़कर जवाब देता है।
एडवाइजरी की रिपोर्ट सोशल मीडिया पर सामने आई
New Instructions for Govt Employees सूचनाएं लीक होने के खतरे की जानकारी इंटरनल डिपार्टमेंट एडवाइजरी से मिली है। एडवाइजरी की रिपोर्ट बीते दिन 4 फरवरी को सोशल मीडिया पर सामने आई थी। बैन की खबर ऐसे समय सामने आई है जब चैटजीपीटी डेवलप करने वाली कंपनी ओपन एआई के CEO सैम ऑल्टमैन भारत दौरे पर हैं। बुधवार सुबह ही उन्होंने कई सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की है। इस मामले पर अब तक वित्त मंत्रालय, चैटजीपीटी या उसकी पेरेंट कंपनी ओपनएआई और डीपसीक की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
सैकड़ों आर्टिकल्स पढ़कर चैटजीपीटी अपने जवाब तैयार करता है
चैटजीपीटी इंटरनेट पर मौजूद सैकड़ों आर्टिकल्स पढ़कर जवाब तैयार करता है। ओपन एआई की वेबसाइट पर जाकर चैटजीपीटी पर क्लिक करके इसका यूज किया जा सकता है, लेकिन इसके जवाब में फैक्ट्स की गलत हो सकते हैं। इसे इस्तेमाल के लिए लर्निंग एक्सपीरियंस होना बहुत जरूरी है क्योंकि तब ही आप यह जान पाएंगे कि चैटजीपीटी का जवाब सही है या नहीं। यह गूगल की तरह सर्च इंजन नहीं है। किसी भी सब्जेक्ट पर विस्तार से जानकारी के लिए गूगल बेहतर है। हालांकि तुरंत नोट्स तैयार करने के लिए चैटजीपीटी गूगल से बेहतर है।