रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) (पीएमएवाई-जी) के तहत कार्य में लापरवाही बरतने वाले 14 ग्राम पंचायत सचिवों के मई 2025 के वेतन को रोक दिया गया है। यह सख्त कार्रवाई जिला पंचायत सरगुजा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) विनय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर की गई है। यह कदम ग्रामीण परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराने वाली इस महत्वपूर्ण योजना में प्रगति की कमी को देखते हुए उठाया गया है।
समीक्षा बैठक में हुआ फैसला
30 मई 2025 को सीईओ विनय कुमार अग्रवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के सभी जनपदों की समीक्षा बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि पीएमएवाई-जी केंद्र और राज्य सरकार की एक जनकल्याणकारी योजना है, जिसका मकसद जरूरतमंद ग्रामीण परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीईओ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए जिले को आवंटित लक्ष्यों को पूरा करना सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी है। हालांकि, कुछ ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही थी, जिसके कारण योजना की प्रगति प्रभावित हो रही थी। इस वजह से पिछले एक महीने से कम प्रगति दिखाने वाले सचिवों के खिलाफ यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।
किन सचिवों का वेतन रोका गया?
वेतन रोकने की कार्रवाई के तहत निम्नलिखित 14 ग्राम पंचायत सचिवों को चिह्नित किया गया है:
बड़ादमाली: रामवृक्ष यादव
टपरकेला: नंदलाल केरकेट्टा
लटोरी: अरुण सोनवानी
खुटिया: शिवभरोष राम
मानपुर: उर्मिला यादव
महेशपुर: राजकुमार
बकनाकला: मंगेश्वर
चंगोरी: प्रकाश यादव
ललाती: गजानंद राम
सरमना: प्रकाश तिग्गा
बंशीपुर: सुखलाल राम
सरगा: युवराज पवन गुप्ता
चैनपुर: सोनेकमल लकड़ा
उरंगा: सुषमा महंत
सीईओ का सख्त निर्देश
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने सभी ग्राम पंचायत सचिवों को चेतावनी दी है कि वे पीएमएवाई-जी के कार्यान्वयन में पूरी गंभीरता और जवाबदेही दिखाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भविष्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ और सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सीईओ ने सचिवों से योजना के तहत लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और पात्र परिवारों को लाभ पहुंचाने के लिए तत्परता से काम करने का आह्वान किया है।
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जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वह योजना की प्रगति पर लगातार नजर रखेगा और समय-समय पर समीक्षा बैठकें आयोजित की जाएंगी। साथ ही, पंचायत सचिवों को प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे अपने कार्य को और बेहतर तरीके से कर सकें। इस कार्रवाई से उम्मीद है कि अन्य कर्मचारी भी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेंगे और योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है। यह योजना ग्रामीण विकास और सामाजिक कल्याण के लिए सरकार की प्राथमिकता रही है। हालांकि, सरगुजा जैसे क्षेत्रों में कार्यान्वयन में लापरवाही और प्रशासनिक ढिलाई के कारण कई बार लक्ष्य पूरे नहीं हो पाते। इस कार्रवाई के जरिए जिला प्रशासन ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि योजना के लक्ष्यों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।