नंदनवन जंगल सफारी से जीपीएस टैग लगाकर छोड़ा गया इजिप्शियन गिद्ध
रायपुर : नंदनवन जंगल सफारी प्रबंधन ने आज ने इजिप्शियन वल्चर की जियो टैगिंग कर उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा । जंगल सफारी प्रबंधन द्वारा 6 जून 2024 को रायपुर-बिलासपुर हाईवे पर घायल और कमजोर हालत में एक इजिप्शियन वल्चर को रेस्क्यू किया था। डिहाइड्रेशन और थकावट के कारण कमजोर इस पक्षी को नंदनवन जंगल सफारी लाकर इसका इलाज किया।
गिद्ध पर लगाया गया ट्रांसमीटर सोलर पावर चार्जिंग तकनीक से सुसज्जित है, जो इसे लंबे समय तक सक्रिय रहने में सक्षम बनाता है। इस टैगिंग कार्य में मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुश्री सतोविषा समाजदार और नंदनवन जंगल सफारी के निदेशक एवं डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर, एसडीओ श्री डेहरिया , पशु चिकित्सक डॉ. राकेश वर्मा, उपस्थित रहे ।
इस प्रक्रिया में WII के वैज्ञानिक डॉ. आर. सुरेश कुमार ने तकनीकी सहायता प्रदान की और टीम को ट्रांसमीटर लगाने में मदद की।
इससे पहले, नंदनवन जंगल सफारी में हिमालयन ग्रिफॉन, सिनेरेस वल्चर, और व्हाइट-रंप्ड वल्चर जैसे गिद्धों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू और पुनर्वासित किया गया है। इन गिद्धों का उपचार कर उन्हें उनके प्राकृतिक रहवास में छोड़ दिया गया। हालांकि, किसी भी प्रजाति पर ट्रैकिंग अध्ययन नहीं हुआ था। छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा हाल ही में गिद्धों के संरक्षण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया था जिसमें विभिन्न राज्यों विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था
जंगल सफारी के डायरेक्टर श्री धम्मशील गणवीर ने बताया की जियो टैगिंग अध्ययन से गिद्ध के आवास, प्रवास, घोंसले बनाने जगहों और संभावित खतरों जैसे विषयों पर डेटा इकट्ठा किया जाएगा, जो इसके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके लिए उन्होंने वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) के साथ सहयोग किया और इस कार्य को सफल बनाने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कीं।
छत्तीसगढ़ में पहली बार हुई इस जियो टैगिंग ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक नई शुरुआत की है और यह पहल भविष्य में अन्य प्रजातियों के संरक्षण में भी मददगार साबित होगी।
डायरेक्टर
नंदनवन जंगल सफारी रायपुर