CG Naxalites Nationwide shutdown : छत्तीसगढ़ समेत देश के कई राज्यों में नक्सलवाद अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सुरक्षा बलों के लगातार सफल अभियानों और बड़ी संख्या में हो रहे आत्मसमर्पणों से नक्सली संगठन अब दबाव में हैं। इसी बीच भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने केंद्र और राज्य सरकारों के खिलाफ देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। पार्टी के केंद्रीय समिति प्रवक्ता अभय ने 15 अक्टूबर को जारी प्रेस विज्ञप्ति में 18 से 23 अक्टूबर तक विरोध सप्ताह और 24 अक्टूबर को देशव्यापी बंद का ऐलान किया था।
नक्सल प्रवक्ता अभय ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्रवक्ता अभय ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें देश के आदिवासी इलाकों में कॉर्पोरेट कंपनियों के हित में “काउंटर गोरिल्ला ऑपरेशन” चला रही हैं। इसमें उनके शीर्ष नेताओं और कार्यकर्ताओं को योजनाबद्ध तरीके से मारा जा रहा है। अभय ने दावा किया कि पिछले 22 महीनों में करीब 700 माओवादी और समर्थक मारे गए हैं, जिनमें कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सितंबर महीने में छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में हुई मुठभेड़ों में केंद्रीय समिति और राज्य समिति के वरिष्ठ नक्सलियों की हत्या की गई। पत्र में यह भी दावा किया गया कि सरकार अगले पांच महीनों में नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, पश्चिम सिंहभूम और ओडिशा के कई जिलों में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाने की तैयारी में है।


“कॉर्पोरेट हिंदू राष्ट्र” बनाने का आरोप
माओवादी संगठन ने केंद्र की भाजपा सरकार पर “विकसित भारत 2047” के नाम पर देश को “कॉर्पोरेट हिंदू राष्ट्र” में बदलने का आरोप लगाया है। अभय ने कहा कि सरकार विरोधी आवाज़ों को दबाने के लिए ‘अर्बन नक्सल’ का ठप्पा लगाकर लोकतांत्रिक आंदोलनों को कुचला जा रहा है। उन्होंने मजदूरों, किसानों, आदिवासियों और बुद्धिजीवियों से रैलियों, सभाओं और धरनों के माध्यम से सरकार की नीतियों का विरोध करने की अपील की है।
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बस्तर में 271 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
सुरक्षा एजेंसियों के लगातार दबाव के चलते हाल के दिनों में नक्सली संगठन बुरी तरह कमजोर पड़ा है। केवल पिछले पखवाड़े में 271 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिनमें सीनियर नक्सली लीडर भूपति और रूपेश भी शामिल हैं। इन नक्सलियों ने हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया है।
सुरक्षा बलों ने नारायणपुर, बीजापुर, कर्रेगुट्टा और झारखंड के जंगलों में लगातार ऑपरेशन चलाए हैं, जिनमें नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। पिछले कुछ महीनों में बालकृष्ण, चंद्रहासा, लोकेश, के. रामचंद्र रेड्डी और कडारी सत्यनारायण रेड्डी जैसे शीर्ष नक्सली नेताओं के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
माओवाद प्रभावित इलाकों में अलर्ट
देशव्यापी बंद की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। केंद्रीय सुरक्षा बलों और स्थानीय पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष गश्त, ड्रोन सर्विलांस और सड़क सुरक्षा जांच बढ़ा दी गई है। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि किसी भी हिंसक गतिविधि पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।