छत्तीसगढ़ में धर्म और जाति सूचक जगहों के नाम बदले जाएंगे, मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ में धर्म और जाति सूचक जगहों के नाम बदले जाएंगे, मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

Chhattisgarh Caste Based Names: छत्तीसगढ़ में अब ऐसे गांव, मोहल्ले और सड़कें जिनके नाम धर्म या जाति आधारित हैं, जल्द ही बदले जा सकते हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने राज्य सरकार से ऐसे सभी स्थानों की सूची मांगी है जिनके नाम किसी जाति, समाज या समुदाय को इंगित करते हैं और सुनने में आपत्तिजनक लगते हैं। आयोग के निर्देश के बाद राज्य शासन ने नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र भेजकर इन नामों की विस्तृत जानकारी एकत्र करने को कहा है।

जाति-आधारित नाम समाज में बढ़ाते हैं भेदभाव

छत्तीसगढ़ के कई गांवों के नाम स्थानीय इतिहास, प्रकृति और सामाजिक ढांचे से जुड़े हुए हैं। लेकिन इनमें से कई नाम ऐसे भी हैं जो जाति-आधारित या अपमानजनक माने जाते हैं। ये नाम समाज में भेदभाव की भावना को बढ़ाते हैं और ऐतिहासिक रूप से दलित या पिछड़े समुदायों को नीचा दिखाने के प्रतीक बन गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिर्फ नाम नहीं, बल्कि सामाजिक असमानता की झलक हैं, जिन्हें बदलना जरूरी है ताकि समाज में समानता और सम्मान का वातावरण बन सके।

मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट

मानवाधिकार आयोग ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है ताकि ऐसे सभी धर्म आधारित या जाति सूचक नामों की पहचान कर उन्हें बदला जा सके। इसके बाद राज्य शासन ने नगरीय प्रशासन विभाग को सभी जिलों से ब्योरा मांगने का निर्देश दिया है। विभाग को निर्देश दिया गया है कि गांवों, वार्डों, मोहल्लों और गलियों के नामों की सूची तैयार की जाए जिनमें किसी जाति या धर्म का संकेत हो या जो आपत्तिजनक अर्थ देते हों।

आपत्तिजनक नामों के उदाहरण

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में ऐसे नाम अभी भी प्रचलन में हैं। रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर जिलों में ‘चमार बस्ती’ और ‘चमार टोला’ जैसे नाम मौजूद हैं, जो अनुसूचित जाति समुदाय का संदर्भ देते हैं और भेदभाव का प्रतीक माने जाते हैं। इसी तरह महासमुंद और जांजगीर-चांपा में ‘भंगी बस्ती’ और ‘भंगी टोला’ नाम पाए जाते हैं, जो सफाईकर्मी समुदाय से जुड़े हैं।

बस्तर और कांकेर जिलों में ‘चूहरा टोला’ नाम प्रचलित है, जो उत्तर भारत की दलित उप-जाति से प्रभावित है। राजनांदगांव और कोरबा जिलों में ‘महार वाड़ा’ और ‘महार टोला’ जैसे नाम भी मिलते हैं। वहीं रायगढ़ में ‘टोनहीनारा’ और सरगुजा, जशपुर क्षेत्र में ‘डोमपाड़ा’, ‘डोम टोला’ और ‘चुड़ैलझरिया’ जैसे नाम पाए जाते हैं जो सामाजिक रूप से अपमानजनक माने जाते हैं।

राज्य सरकार अब इन सभी नामों की सूची तैयार कर आयोग को सौंपेगी ताकि आगे इनके नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

जिला/शहरवर्तमान नाम (हटाए जाने हेतु)
रायपुर, दुर्ग, बिलासपुरचमार बस्ती चमार टोला, चुचरुंगपुर, नकटी, सुवरतला, कोलिहा
महासमुंद, जांजगीर-चांपाभंगी बस्ती, भंगी टोला, माकरमुत्ता, प्रेतनडीह
बालोद, कवर्धाडौकीडीह, बोक्करखार
रायगढ़टोनहीनारा
बस्तर, कांकेरचूहरा टोला
राजनांदगांव, कोरबामहार वाड़ा, महार टोला, नकटीखार, भालूसटका
सरगुजा, जशपुरडोमपाड़ा, डोम टोला, डोम/डोमपाड़ा, चुड़ैलझरिया

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