उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए राज्य की क्राइम ब्रांच (Crime Branch) का नाम बदल दिया है, इसे अब CID (Crime Investigation Department) के नाम से जाना जाएगा। यह निर्णय राज्य में अपराध जांच प्रणाली को और अधिक प्रभावी और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। इसके साथ ही, सरकार ने CID को और अधिक शक्तिशाली और तकनीकी रूप से सुसज्जित बनाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं।
नए नाम और नई जिम्मेदारियां
अब उत्तर प्रदेश की क्राइम ब्रांच को आधिकारिक तौर पर CID (Crime Investigation Department) के नाम से जाना जाएगा। यह नाम परिवर्तन राज्य में अपराध जांच के क्षेत्र में एक नई पहचान स्थापित करने के लिए किया गया है। CID को अब और अधिक जिम्मेदारियां दी गई हैं। इसमें गंभीर और संगठित अपराधों की जांच, साइबर अपराधों की जांच, और आर्थिक अपराधों की जांच शामिल है। CID अब राज्य में होने वाले गंभीर अपराधों की जांच के लिए प्राथमिक एजेंसी के रूप में काम करेगी।

तकनीकी उन्नयन और प्रशिक्षण
CID को अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों और सॉफ्टवेयर से लैस किया जाएगा। इसके तहत साइबर लैब, फोरेंसिक लैब और डिजिटल जांच के लिए आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। अधिकारियों और कर्मचारियों को नए तरीकों और तकनीकों के साथ अपराध जांच के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
क्या है सरकार का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य में अपराध जांच प्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह कदम राज्य में कानून और व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “CID अब राज्य में गंभीर और संगठित अपराधों की जांच के लिए एक शक्तिशाली एजेंसी के रूप में काम करेगी। हमने इसे तकनीकी रूप से सुसज्जित किया है और इसके कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।