Mungeli Murder Case : अमीर बनने के चक्कर में बच्ची की तांत्रिक बलि, श्मशान में दफनाया शव, भाई-भाभी गिरफ्तार

Mungeli Murder Case : अमीर बनने के चक्कर में बच्ची की तांत्रिक बलि, श्मशान में दफनाया शव, भाई-भाभी गिरफ्तार

मुंगेली जिले में भाई और भाभी ने एक 7 साल की बच्ची की बलि चढ़ा दी। बच्ची अपनी मां के पास सो रही थी। बिस्तर से किडनैप कर श्मशान घाट ले गए। तांत्रिक क्रिया के बाद मासूम को चाकू से काटकर मार डाला। लाश को 100 मीटर दूर ले जाकर खेत में गाड़ दिए। मामला लोरमी थाना क्षेत्र का है।

पुलिस के मुताबिक मरने वाली बच्ची का नाम लाली गोस्वामी (7) है। वह कोसाबाड़ी गांव की रहने वाली थी। वहीं मर्डर करने वालों में बच्ची की भाभी मास्टरमाइंड ऋतु गोस्वामी (36), भाई चिम्मन गिरी गोस्वामी (40), नरेंद्र मार्को (21), आकाश मरावी (21) और बैगा रामरतन निषाद (45) शामिल हैं।

मुंगेली पुलिस ने श्मशान घाट के पास खेत में बच्ची की खोपड़ी और हड्डियां मिलने के बाद मामले की जांच की। आरोपियों की नार्को टेस्ट कराया गया, जिसमें आरोपियों ने कबूल किया कि तंत्र क्रिया से पैसा पाने (अमीर बनने) के लिए ‘झरन पूजा’ कराकर बच्ची की हत्या की। इस रिपोर्ट में विस्तार से पढ़िए कैसे मारा, कौन-कौन शामिल थे और आरोपी कैसे पकड़ाए ?

जानिए क्या है पूरा मामला ?

दरअसल, 11 अप्रैल 2025 की रात मुंगेली जिले के कोसाबाड़ी गांव में 7 साल की महेश्वरी उर्फ लाली अपनी मां पुष्पा के साथ बिस्तर पर सो रही थी, लेकिन आधी रात करीब 2 बजे जब उसकी मां की नींद खुली, तो बिस्तर पर उसकी नन्हीं सी बच्ची गायब थी।

इस दौरान मां हड़बड़ा गई। रात में ही आसपास और गांव में पतासाजी की गई, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। परेशान मां अगली सुबह यानी 12 अप्रैल को लोरमी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

इस पूरे केस में पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के नेतृत्व में बनी विशेष टीम बनाई। इसी बीच लगभग तीन हफ्तों बाद, 6 मई को गांव के श्मशान के पास एक खेत में एक बच्ची की खोपड़ी और हड्डियां मिलीं। यही वो सुराग था, जिसने लाली के गायब होने की गुत्थी को भयानक मोड़ दे दिया।

पुलिस ने खोपड़ी और हड्डियां को DNA टेस्ट के लिए भेजा। इससे पहले लाली के परिवार के सैंपल भी लिए गए। DNA रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि श्मशान घाट के पास खेत में जो हड्डियां मिली थी, वह लाली की ही थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शरीर पर गंभीर चोटों के निशान पाए गए, जिससे बच्ची की हत्या की पुष्टि हुई।

अब जानिए आरोपियों तक कैसे पहुंची पुलिस ?

बिलासपुर रेंज के IG डॉ. संजीव शुक्ला और मुंगेली SP भोजराम पटेल के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम बनाई गई थी। जांच में साइबर सेल, CCTV फुटेज, गवाहों के बयान, नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग और पॉलिग्राफ टेस्ट की मदद ली गई। आसपास के लोगों से कई बार पूछताछ की गई।

इस दौरान बच्ची के पड़ोसी ने बताया कि वह छत से वारदात की रात एक बच्ची को ले जाते देखा था। केस को बारीकी से जांच की गई। इससे पता चला कि चिम्मन गोस्वामी और ऋतु गोस्वामी का लाली के घर में आना जाना था। चिम्मन किराना दुकान, डीजे, टेंटे हाउस और शराब बेचने का काम करता है।

पुलिस ने बलि के एंगल से जांच की

इसके साथ ही गांव का ही आकाश मरावी इसके व्यवसाय में मदद करता है। वारदात के दिन ये भी चिम्मन के घर मौजूद था। साथ ही डोगरिया निवासी रामरतन निषाद भी था, जो झाड़ फूक बैगा का काम करता था। पुलिस ने श्मशान घाट में मिली हड्डियों को बलि के एंगल से जांच की।

पुलिस ने शक के आधार पर लाली के भाई चिम्मन गिरी गोस्वामी, भाभी ऋतु गोस्वामी, नरेंद्र मार्को, आकाश मरावी और रामरतन निषाद को हिरासत में लिया, लेकिन ये लोग अपना बार-बार बयान बदल रहे थे। इसके बाद पुलिस ने ऋतु और चिम्मन की पॉलिग्राफ, ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराया।

आरोपियों ने नार्को टेस्ट में उगला सच

नार्को टेस्ट में मास्टरमाइंड ऋतु गोस्वामी ने स्वीकार किया कि वह झरन पूजा के जरिए धन कमाना चाहती थी। लाली को किडनैप कर लाने के लिए नरेन्द्र मार्को को पैसे दिए थे। नरेन्द्र मार्को ने करीब 1 बजे रात लाली को लेकर आया था।

इसके बाद ऋतु ने लाली को झरन पूजा के लिए काले कपड़े पहनाए। तंत्र क्रिया से पैसा कमाने के लिए लालच में आकर चाकू से मारकर बच्ची की बलि चढ़ाई। पकड़े जाने से बचने के लिए आकाश को बोलकर लाली की डेडबॉडी को खेत में दफन करा दिया।

कोर्ट ने सभी आरोपियों को भेजा जेल

मुंगेली SP भोजराम पटेल ने बताया कि पांचों आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया है। ​​​​पूजा में इस्तेमाल की गई सामग्री और हत्या में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिए गए हैं। आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सभी को जेल भेज दिया है।


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