मुस्लिम समाज का बड़ा फैसला: शादी में बजवाया बैंड तो काजी नहीं पढ़ेंगे निकाह , जानिए क्या है पूरा मामला

मुस्लिम समाज का बड़ा फैसला: शादी में बजवाया बैंड तो काजी नहीं पढ़ेंगे निकाह , जानिए क्या है पूरा मामला

मुरैना, मध्य प्रदेश। मुरैना जिले के सबलगढ़ क्षेत्र में मुस्लिम समाज ने एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब यहां शादियों में बैंड-बाजा और डीजे बजवाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

बताया जा रहा है की, यह कदम समाज में फैल रही बुराई और समाज के विकास के उद्देश्य से उठाया गया है। अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा और निकाह पढ़ाने वाले काजी द्वारा उसका निकाह नहीं किया जाएगा।

यह निर्णय मुरैना जिले के सबलगढ़ में मुस्लिम समाज की पांच तहसीलों के प्रमुखों की बैठक में लिया गया। इस बैठक में शहर काजी कलीमुद्दीन साहब, हाफिज बदरे आलम साहब, हाफिज इस्लाम साहब समेत कई प्रमुख लोग मौजूद थे।

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बैठक में यह तय किया गया कि अगर कोई शादी के आयोजन में बैंड-बाजा, डीजे या ताशे बजवाता है, तो पहले उसे समझाया जाएगा। यदि वह समझने के बाद भी नहीं मानता है, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।

समाज के लोग यह भी निर्णय लिया है कि जो भी व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करेगा, उसकी शादी में कोई भी मुस्लिम समाज का व्यक्ति खाना खाने नहीं जाएगा। इस निर्णय का पालन सबलगढ़, कैलारस वीरपुर, विजयपुर टैंटरा, झुंडपुरा, रामपुर सहित आसपास के गांवों में किया जाएगा।

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यह कदम मुस्लिम समाज के विकास और समाज में बढ़ती हुई बुराइयों को खत्म करने के लिए उठाया गया है। समाज के लोग चाहते हैं कि उनकी शादियां सरल और पारंपरिक रूप से सम्पन्न हों, बिना किसी फिजूल खर्च और शोर-शराबे के। बता दें कि, यह निर्णय सर्व सहमति से लिया गया और अब इस पर अमल करने के लिए मुस्लिम समाज के लोग पूरी तरह से तैयार हैं।


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