Modi Cabinet Decisions: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस बार दीवाली और छठ के मौके पर यात्रियों के लिए 12,000 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके अलावा, चार नए रेल रूटों की भी घोषणा की गई है।
अश्विनी वैष्णव के अनुसार, कैबिनेट ने रेलवे के चार बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इसमें भुसावल से वर्धा तक तीसरी और चौथी लाइन, साथ ही गोंदिया से डोंगरगढ़ तक चौथी लाइन शामिल है।
आज 7 अक्टूबर को हुई मोदी कैबिनेट में रेवले में चार बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई। साथ ही दीपावली पर रेलयात्रियों को गिफ्ट देने हुए 12 हजार स्पेशल ट्रेनों को चलाए जानें की घोषणा की गई है।
इस पर 4 बड़े ब्रिज, 72 मेजरी ब्रिज, 537 माइनर ब्रिज बनेंगे। इस प्रोजेक्ट से 45 किलोग्राम कार्बनडाई आक्साइड बचेगी।
4 नई रेलवे परियोजनाएं
भारतीय रेलवे की चार नई परियोजनाओं से देश के रेलवे नेटवर्क में करीब 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी। ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों को जोड़ेंगी और लगभग 3,633 गांवों की आबादी, करीब 85.84 लाख लोगों को सीधे लाभ पहुंचाएंगी। इसमें दो आकांक्षी जिले—विदिशा (मध्य प्रदेश) और राजनांदगांव (छत्तीसगढ़)—भी शामिल हैं, जिनमें बेहतर कनेक्टिविटी से जीवन स्तर में सुधार और स्थानीय उद्योगों को मजबूती मिलेगी।
ये हैं 4 नई परियोजनाओं का विवरण
वर्धा – भुसावल: तीसरी और चौथी लाइन, 314 किलोमीटर (महाराष्ट्र)
गोंदिया – डोंगरगढ़: चौथी लाइन, 84 किलोमीटर (महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़)
वडोदरा – रतलाम: तीसरी और चौथी लाइन, 259 किलोमीटर (गुजरात और मध्य प्रदेश)
इटारसी – भोपाल – बीना: चौथी लाइन, 237 किलोमीटर (मध्य प्रदेश)
प्रमुख लाभ
पर्यटन को बढ़ावा: इन नई रेखाओं से सांची, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, भीमबेटका रॉक शेल्टर, हजारा फॉल्स और नावागांव नेशनल पार्क जैसे पर्यटन स्थलों तक आसान और तेज़ रेल पहुंच सुनिश्चित होगी।
वाणिज्यिक महत्व: यह मार्ग कोयला, सीमेंट, कंटेनर, खाद्यान्न, फ्लाई ऐश और स्टील जैसे महत्वपूर्ण माल की ढुलाई के लिए अहम साबित होगा। इन परियोजनाओं से सालाना अतिरिक्त 78 मिलियन टन (MTPA) माल ढुलाई संभव होगी।
लागत और ऊर्जा में बचत: लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी, तेल आयात में 28 करोड़ लीटर की बचत होगी और 139 करोड़ किलोग्राम CO₂ उत्सर्जन में कमी आएगी।
पर्यावरणीय लाभ: इस परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव को छह करोड़ पेड़ लगाने के बराबर माना जा सकता है।
इन परियोजनाओं से न केवल यात्री और माल परिवहन बेहतर होगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, उद्योग और रोजगार के अवसरों को भी नई मजबूती मिलेगी।