Mizoram Railway News: आइजोल / आज़ादी के 78 साल बाद मिजोरम की राजधानी आइजोल का दशकों पुराना सपना साकार होने जा रहा है। पहली बार आइजोल को देश के मुख्य रेल नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। 13 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैराबी से सैरांग तक बनी 51.38 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे और पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। करीब 8071 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह परियोजना न सिर्फ मिजोरम की कनेक्टिविटी बढ़ाएगी, बल्कि राज्य के आर्थिक और पर्यटन विकास को भी नई दिशा देगी।
मिजोरम के लोगों का सपना हुआ साकार
Mizoram Railway News: रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह लाइन मिजोरम के लिए “लाइफलाइन” साबित होगी। ट्रेन सेवा शुरू होने से आइजोल से सिलचर तक का सफर सड़क मार्ग से 7 घंटे के बजाय अब महज 3 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इस रेल लाइन की इंजीनियरिंग भी किसी अजूबे से कम नहीं है इस ट्रैक पर 48 सुरंगें और 142 ब्रिज बनाए गए हैं, जिनमें से एक ब्रिज 104 मीटर ऊंचा है, जो कुतुबमीनार से भी ऊंचा है और भारतीय रेलवे का दूसरा सबसे ऊंचा ब्रिज माना जा रहा है। आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित यह ट्रैक 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनों को चलने की अनुमति देगा।
रेलवे विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से मिजोरम की जीडीपी में हर साल 2-3% की बढोत्तरी हो सकती है और राज्य को लगभग 500 करोड़ रुपए की अधिक सालाना आमदनी मिल सकती है। कोलकाता, अगरतल्ला और दिल्ली जैसे बड़े शहरों से सीधी ट्रेन सेवाएं शुरू होने से व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
Mizoram Railway News: इस ऐतिहासिक प्रोजेक्ट का काम 1999 में शुरू हुआ था, लेकिन दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों, घने जंगलों और भारी बारिश के चलते निर्माण में कई मुश्किलें आईं। साल 2008-09 में इसे नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा मिला और 2014 में पीएम मोदी ने इसका शिलान्यास किया। अब 26 साल बाद यह सपना हकीकत में बदलने जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत हार्तुकी, कौनपुई, मुलखांग और सैरांग जैसे स्टेशन शामिल हैं, जो न सिर्फ मिजोरम को, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर को भारत के बाकी हिस्सों से और मजबूती से जोड़ेंगे।