Herbal Gulaal: होली का त्योहार रंगों की मौज-मस्ती और स्वादिष्ट व्यंजनों का त्योहार है। इस दिन लोग एक दूसरे को प्यार के रंग लगाकर सारे गिले-शिकवे भुला देते हैं। लेकिन प्यार भरे इस त्योहार में भंग तब पड़ जाता है जब बाजार में मिलने वाले केमिकल रंग त्वचा पर एलर्जी, एक्ने और जलन का कारण बनने लगते हैं।
इस होली अगर आप अपने त्योहार को सुरक्षित और केमिकल-फ्री बनाना चाहते हैं, तो मार्केट में मिलने वाले केमिकल वाले गुलाल और रंगों की जगह खुद घर पर फूलों की मदद से हर्बल रंग तैयार करें। यह रंग आपके त्योहार की मस्ती के साथ आपके अपनों की सेहत और त्वचा का भी खास ख्याल रखेंगे। आइए जानते हैं कैसे फूलों की मदद से घर पर ही तैयार किए जा सकते हैं नेचुरल ऑर्गेनिक गुलाल।
होली पर फूलों से बनाएं हर्बल गुलाल
पीला रंग
आजकल घर की बालकनी से लेकर नर्सरी तक में, फूलों की बहार आई हुई है। ऐसे में आप खूबसूरत पीला रंग तैयार करने के लिए गेंदे के फूल का यूज कर सकते हैं। गेंदे के फूल से पीला रंग बनाने के लिए पानी में थोड़ी सी हल्दी डालकर गेंदे के फूल को उबा लें। होली खेलने के लिए आपका पीला रंग बनकर तैयार है।
नीला रंग
नीला रंग बनाने के लिए अपराजिता के फूलों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए अपराजिता के फूल को 3 से 4 दिन पहले धूप में सुखाकर उनका पाउडर बनाकर रख लें। इसके बाद इस पाउडर को पानी में घोलकर होली के लिए नीला रंग तैयार करें।
गुलाबी रंग
गुलाब के फूलों को पानी में उबालकर उनसे गुलाबी रंग तैयार कर सकते हैं। इस रंग को बनाते समय उसमें अरारोट मिलाएं। इस रंग से होली खेलना स्किन के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होता है।
केसरिया रंग
पलाश और गेंदे के फूल से आप केसरिया रंग तैयार कर सकते हैं। इसके लिए 100 ग्राम पलाश के सूखे फूल एक बाल्टी पानी में उबालकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह इस पानी को छानकर अलग कर लें। आपका केसरिया रंग बनकर तैयार है।
लाल रंग
बुरांस और गुड़हल के फूलों से लाल रंग तैयार किया जा सकता है। इसके लिए बुरांस और हिबिस्कस के सूखे फूलों को पीसकर पाउडर बना लें। अब इस पाउडर को आप लाल गुलाल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप पानी वाला रंग बनाना चाहते हैं तो इस रंग को पानी में मिलाकर हर्बल रंग भी तैयार कर सकते हैं।